कई किलोमीटर दूर से यहां के लोग लाते हैं पीने का पानी, गया के अतरी में धरातल पर नहीं उतरी नल-जल योजना

गांव-गांव में सात निश्‍चय योजना के तहत पाइप बिछाकर जलापूर्ति की जा रही है। लेकिन गया के अतरी प्रखंड का बेलदारी टोला आज भी इस योजना से वंचित है। यहां के लोग कई किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 10:03 AM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 10:03 AM (IST)
कई किलोमीटर दूर से यहां के लोग लाते हैं पीने का पानी, गया के अतरी में धरातल पर नहीं उतरी नल-जल योजना
पानी लाने जाते गांव के महिला-पुरुष और बच्‍चे। जागरण

अतरी (गया), संवाद सूत्र। गर्मी दस्‍तक दे चुकी है। लोगों का गला सूखने लगा है। ऐसे में पानी की जरूरत काफी बढ़ गई है। लोगों को शुद्ध पेयजल मिले और वे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बच सकें इसके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना शुरू की। हर घर नल का जल कार्यक्रम को प्राथमिकता दी जा रही है। लेकिन गया के अतरी में यह योजना अब तक जमीन पर नहीं उतर सकी है। नतीजा है कि यहां के लोग पानी की किल्‍लत झेल रहे हैं।

कई किलोमीटर दूर से लाते हैं पानी

अतरी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत टेंटुआ पंचायत का करियाद बेलदारी टोला ऐसा ही एक गांव है। जो रहनुमाओं की नजरों दूर है। यहां की आबादी करीब सात सौ है। लेकिन अभी तक यहां नल-जल योजना की पाइप क्‍या बिछेगी, यहां तो कवायद भी शुरू नहीं हो सकी है। गर्मी हो या बरसात यहां के लोगों को कई किलोमीटर दूर से ही पानी लाना पड़ता है। काफी दूर खेत में पटवन के लिए की गई बोरिंग से ये लोग पानी लाते हैं और किसी तरह जरूरतें पूरी करते हैं। पानी लाना यहां के लोगों की दिनचर्या बन गया है। कुछ दिन पहले यहां के लोगों ने इस समस्‍या को लेकर प्रखंड मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन भी किया था लेकिन किसी ने संज्ञान तक नहीं लिया। 

मुख्‍यमंत्री की घोषणा से जगी उम्‍मीदों पर फिरा पानी

सात निश्चय योजना की घोषणा करते समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से कहा था कि जल्द ही उनके घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचेगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद गांव के लोगों में भी भरोसा जगा कि हर घर नल से जल मिलने पर लोगों को शहर की तरह कई सुविधाएं उपलब्ध हो जाएगी। लेकिन सरकार की घोषणा को इतने लंबे समय बीत जाने के बाद भी गांव में नल से जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जबकि इस कार्य को धरातल पर आकार देने के लिए हर पंचायत के वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में वार्ड क्रियान्वयन प्रबंध समिति बनी है। लंबे समय के बाद भी कई गांवों में यह योजना दम तोड़ रही है।

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