पहुंच मार्ग और नाली नहीं, बांस के सहारे घरों तक पहुंची है बिजली

मोहल्ले का दर्द फोटो- 501 से 508 -महाबोधि मंदिर के पश्चिम तरफ से बने रास्ते संकीर्ण मस्तीपुर जाने का रास्ता पुरातत्व विभाग की जमीन पर ------- अनदेखी -मोनास्ट्री की चारदीवारी के पास होता है गंदे पानी का जमाव -उरैल मोहल्ले की गलियां कची वर्षो से मुख्य मार्ग का सफाई नहीं ------------ -4500 आबादी है बोधगया के वार्ड 19 की -01 स्कूल और एक आंगनबाड़ी केंद्र है ----------- जागरण संवाददाता बोधगया

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jan 2020 10:19 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jan 2020 10:19 PM (IST)
पहुंच मार्ग और नाली नहीं, बांस के सहारे घरों तक पहुंची है बिजली
पहुंच मार्ग और नाली नहीं, बांस के सहारे घरों तक पहुंची है बिजली

गया । इस वार्ड का ऐतिहासिक महत्व भगवान बुद्ध से जुड़ा है। बुद्ध कालीन उरूवेला (उरैल), टीकाबिगहा और पुरानी तारीडीह इस वार्ड के अधीन है। इस वार्ड में थाईलैंड का वट पा मोनास्ट्री के अलावा कई अन्य छोटे-छोटे मोनास्ट्री हैं। अनुसूचित जाति बाहुल्य इस वार्ड के लोगों का मुख्य पेशा मेहनत-मजदूरी है। इस वार्ड की मुख्य समस्या पहुंच मार्ग और नाली की है। पुरानी तारीडीह दो तरफ से भारतीय पुरातत्व विभाग के भूखंड से सटा है। इस मोहल्ले में जाने के लिए महाबोधि मंदिर के पश्चिम तरफ से रास्ता संकीर्ण है। दूसरा मस्तीपुर जाने का रास्ता पुरातत्व विभाग के जमीन पर है। अगर पुरातत्व विभाग चारदीवारी का निर्माण करा दे तो इस वार्ड में साइकिल लेकर जाना भी दुश्वार हो जाएगा। मोहल्ले में नाली का निर्माण नहीं कराया गया है, जिसके कारण पोखर और एक मोनास्ट्री की चारदीवारी से सटे गंदे पानी का जमाव होता है। मोहल्ले में बिजली के खंभे की कमी है। लोग बांस के सहारे अपने-अपने घरों तक बिजली का तार लेकर गए हैं। उरैल मोहल्ले की गलियां कच्ची है। वर्षो से मुख्य मार्ग का सफाई नहीं हुई है। एक नाली का निर्माण कराया गया, लेकिन उस पर ढक्कन नहीं है। उसे मुख्य पइन से नहीं जोड़ा गया है।

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पुरानी तारीडीह में नाली और पानी की समस्या है। लोगों को पानी का कनेक्शन दिया गया, लेकिन पानी नहीं आ रहा। पुरातत्व विभाग अगर रास्ता बंद कर दे तो लोगों को अपने-अपने घरों से निकलना दुश्वार हो जाएगा। आवास और वृद्धा पेंशन का लाभ नहीं मिला है।

गौरी दास

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नाली नहीं रहने से घरों के आसपास गंदे पानी का जमाव बना रहता है। पार्षद ने एक बोरिग कराई है, जिसका लाभ मोहल्ले के लोग उठा रहे हैं। कच्ची गली है। अधिकांश लोग कच्चे घरों में रहते हैं। उन्हें आवास और शौचालय योजना का लाभ नहीं मिला है।

रंजू देवी

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शौचालय और आवास योजना का लाभ नहीं मिला है, जबकि कई लोग कच्चे मकान में रहते हैं। पार्षद ने केवल फार्म भरवाया। उरैल पर एक पहले से बना सार्वजनिक शौचालय भी जर्जर हो गया है। बताने पर भी उसका मरम्मत नहीं कराया जा रहा है। गली पक्की है।

सुनील मांझी

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दो विधवा परिवार एक घर में रहते हैं। आधा घर गिर गया है। आधे में प्लास्टिक देकर रहने को विवश हैं, लेकिन आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। वृद्धा पेंशन व सरकारी राशन का लाभ तक नहीं मिल रहा। मेहनत मजदूरी कर दो वक्त का खाना जुटाते हैं।

गुलाबी देवी

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उरैल मोहल्ले में पार्षद द्वारा एक नाली का निर्माण कराया गया है, जो ढक्कन विहीन और अधूरा बना है। इससे निजी जमीन में गंदे पानी का जमाव बना रहता है। बिजली का खंभा नहीं है। लोग अपने घरों तक बांस के सहारे बिजली का तार लेकर गए हैं। इससे बरसात के दिनों में डर बना रहता है।

चंद्रदेव सिंह

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वार्ड में 235 लाभुकों को शौचालय और 28 लोगों को आवास योजना का लाभ दिलाया है। 52 आवास योजना के लाभुकों का नाम प्रतिक्षा सूची में है। पुरानी तारीडीह दलित टोले में पीसीसी का निर्माण कराया। तीन जगहों पर बोरिग कराकर लोगों को पीने का पानी मुहैया कराया है। 36 लाभुकों को पेंशन योजना का लाभ दिलाया। टीकाबिगहा में नाली व रोड का निर्माण कराना है, जिसका टेंडर हो गया है।

ललिता देवी, वार्ड पार्षद

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