सुनना व बोलना एक अमूल्य भेंट: अभिषेक रंजन

गया आशा स्पीच एवं हियरिग क्लीनिक में व‌र्ल्ड हियरिग डे के मौके पर बुधवार को दर्जनों गरीब परिवार के बच्चों को भी देखा गया। सुनाई एवं बोलने से संबंधित सभी समस्याओं का यहां उचित जांच कर परामर्श दिया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 10:54 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 10:54 PM (IST)
सुनना व बोलना एक अमूल्य भेंट: अभिषेक रंजन
सुनना व बोलना एक अमूल्य भेंट: अभिषेक रंजन

गया :आशा स्पीच एवं हियरिग क्लीनिक में व‌र्ल्ड हियरिग डे के मौके पर बुधवार को दर्जनों गरीब परिवार के बच्चों को भी देखा गया। सुनाई एवं बोलने से संबंधित सभी समस्याओं का यहां उचित जांच कर परामर्श दिया जाता है। यहां स्पीच थेरेपी की सुविधा उपलब्ध है। व‌र्ल्ड हियरिग डे के दिन कई बच्चों को यहां देखा गया जो जन्म से ही कम सुनते हैं या नहीं सुन पाते हैं। ना ही बोल पाते हैं। बता दे कि शहर के बिसार तालाब के रहने वाला अजीत कुमार व सपना कुमारी के सात वर्षीय हर्षित कुमार जो जन्म से ही कम सुनता है और ना ही बोल पाता था। जिसका करीब डेढ़ साल से थेरेपी का इलाज चल रहा है। हर्षित के मां बताती है कि बोलना व सुनना जन्म के दो साल के बाद भी नहीं देखने पर बनारस में इलाज के लिए ले गए।उसके बाद मुख्यमंत्री योजना के तहत आइजीएमएस पटना में इलाज कराया गया। उसके बाद आशा स्पीच एवं हियरिग क्लीनिक में थेरेपी का इलाज चल रहा है। डॉ. अभिषेक रंजन के देखरेख में अब बोलना व सुनना शुरू हुई है। इसी प्रकार गया के करीब 40 बच्चों का थेरेपी का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

निदेशक डॉ.अभिषेक रंजन ने बताया कि बच्चों के माता-पिता को जानकारी नहीं होने की वजह से सुनने एवं बोलने संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है। बाद में बड़ा होकर बच्चे या तो बोल नहीं पाते या सुन नहीं पाते। उन्होंने सलाह दिया कि जन्म के 24 से 48 घंटे के अंदर ही चिकित्सक से दिखानी चाहिए। हियरिग स्क्रीनिग के जरिए बच्चों की बीमारी का पता लगाया जा सकता है। स्पीच स्क्रीनिग से बच्चों के बोलने संबंधी जानकारी का पता लगाया जाता है। मुंह से लार गिरता है या हकलाता है या तुतलाता है तो इन सभी समस्याओं से निजात के लिए वाक एवं श्रवण रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। क्लीनिक के निदेशक ने कहा कि सुनना एवं बोलना एक अमूल्य भेंट है। जिसपर बचपन से ही ध्यान देने की जरूरत है। इस मौके पर वाक एवं श्रवण रोग विशेषज्ञ अभिषेक रंजन, निशि, शाह गुप्ता, आशुतोष कुमार मौजूद थे।

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