Gaya Lockdown: गरीबों को दोगुना राशन मिल रहा या नहीं, जांच करने पहुंचे अफसर तो समाने आई हकीकत
बिहार में लॉकडाउन लगाने के साथ ही सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए थे। कोई भी भूखा पेट नहीं सोएगा। आखिर इन वादों की हकीकत क्या है क्या राशन मिला या योजनाओं से धरातल पर आने से पहले ही दम तोड़ दिया ये जानना जरूरी है।
जागरण संवाददाता, गया। बिहार में लॉकडाउन लगाने के साथ ही सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए थे। कोई भी भूखा पेट नहीं सोएगा। आखिर इन वादों की हकीकत क्या है, क्या राशन मिला या योजनाओं से धरातल पर आने से पहले ही दम तोड़ दिया, ये जानना जरूरी है।
गया में जांच शुरू हो गई है। सदर एसडीओ इंद्रवीर कुमार ने लॉकडाउन में गरीबों को मुफ्त एवं दोगुना अनाज मिल रहा है या नहीं, इसकी सत्यता की जांच के लिए रविवार को विभिन्न प्रखंडों में जन वितरण दुकानों की जांच की। जनवितरण दुकानों की पंजियों को नियमित रूप से मेंटेन करने का निर्देश दिया।
कुछ जगहों पर शिकायत मिलने पर सत्यापन नहीं होने के कारण प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को अपनी निगरानी में वितरण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। ताकि कोई भी लाभुक लॉकडाउन के समय में अनाज से वंचित नहीं रहे। कुछ जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं द्वारा अंगूठा लगवाने व खाद्यान्न नहीं दिए जाने का मामला आने पर जांच कर लाभुकों के बयान के आधार पर कार्रवाई करने का निर्देश प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को दिया गया।
गौरतलब है कि कोरोना संकट की आपदा में केंद्र सरकार ने सभी राशन लाभुकों को मई और जून महीने का राशन मुफ्त में देने की घोषणा कर रखी है। जिसके बाद अधिकारी उसे लागू करवाने में जुटे हुए हैं। सभी जन वितरण दुकानों पर पॉस मशीन के जरिए राशन दिया जा रहा है। राशन में सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा में गेहूं और चावल उपलब्ध कराना है।
सरकार ने राशन योजना में लागू कर रखा बायोमेट्रिक सिस्टम
निरीक्षण के बाद लाभुकों से अपील की गई कि पॉस मशीन पर अंगूठा लगाकर ही खाद्यान्न प्राप्त करें। यदि खाद्यान्न नहीं मिल रहा है तो पॉस मशीन पर कतई अंगूठा नहीं लगाएं। लाभुकों के हित में सरकार द्वारा बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया गया है। ताकी लाभुकों के साथ मनमानी नहीं की जा सके। शत प्रतिशत खाद्यान्न लाभुकों को मिले। निरीक्षण के दौरान संबंधित प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी मौजूद थे।