Education: अब विद्यालयों में होगा स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम, शिक्षक बनेंगे हेल्थ एंड वेलनेस एंबेस्डर

बच्चों के समग्र शैक्षणिक विकास के लिए अब विद्यालयों में प्रत्येक बुधवार को स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस डे आयोजित होगा। शिक्षक हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर बनेंगे। ऐसा इसलिए कि बच्चों के समग्र विकास में स्वास्थ्य एवं पोषण-स्तर की सकारात्मक भूमिका होती है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Mon, 07 Dec 2020 06:54 AM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2020 06:54 AM (IST)
Education: अब विद्यालयों में होगा स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम, शिक्षक बनेंगे हेल्थ एंड वेलनेस एंबेस्डर
बच्चों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति किया जाएगा जागरूक। जागरण।

सासाराम, जेएनएन। बच्चों के समग्र शैक्षणिक विकास के लिए अब विद्यालयों में प्रत्येक बुधवार को स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस डे आयोजित होगा। शिक्षक हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर बनेंगे। ऐसा इसलिए कि बच्चों के समग्र विकास में स्वास्थ्य एवं पोषण-स्तर की सकारात्मक भूमिका होती है।

आयुष्मान भारत कार्यक्रम चलेगा कार्यक्रम

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. केएन तिवारी ने बताया कि केंद्रीय परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम जिले में आरंभ किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत विद्यालयों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूल जाने वाले बच्चों में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी जागरूकता पैदा करना तथा विद्यालय स्तर पर संचालित स्वास्थ्य गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है।

प्रत्‍येक विद्यालय के दो शिक्षक बनेंगे एंबेस्‍डर

बताया कि स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षकों (एक महिला व एक पुरूष) को हेल्थ एंड वेलनेस एंबेस्डर के रूप में नामित किया जाएगा। जिन्हें स्वास्थ्य व्यवहार को बढ़ावा देने और रोगों के रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। हेल्थ एंड वेलनेस एंबेस्डर प्रत्येक सप्ताह एक घंटे रोचक गतिविधियों के माध्यम से सत्र आयोजित करेंगे। प्रत्येक कक्षा से दो नामित छात्र इन स्वास्थ्य संवर्धक संदेशों को समाज तक पहुंचाने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस मैसेंजर के रूप में कार्य करेंगे। विद्यालय में प्रत्येक बुधवार को हेल्थ एंड वेलनेस डे का आयोजन किया जाएगा।

आयरन फॉलिक-एसिड कार्यक्रम का भी होगा संचालन

डॉ तिवारी ने कहा कि एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत बच्चों को एनिमिया या इससे होने वाली समस्या से बचाने के लिए साप्ताहिक आयरन फॉलिक-एसिड कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालयों में पांच से नौ वर्ष के बच्चों को सप्ताह में एक बार (बुधवार), आयरन की गुलाबी गोली का सेवन कराना सुनिश्चित किया जाएगा। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 10 से 19 वर्ष के किशोर-किशोरियों को सप्ताह में एक बार  शिक्षकों के द्वारा आयारन की नीली गोली का सेवन कराया जाएगा। बताया कि प्रत्येक स्कूल में प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने व विभिन्न बीमारियों के रोकथाम के लिए आयु विशेष शिक्षा प्रदान की जाएगी।राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समर्पित मोबाइल टीम के माध्यम से चिन्हित स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान व समाधान भी किया जाएगा।सैनिटरी नैपकिन प्रावधान करने तथा तथा आयु विशेष के लिए टीकाकरण का प्रबंध भी करने का टास्क पीएचसी प्रभारियों को सौंपा गया है। छात्रों को बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। कहा कि अब प्रत्येक बच्चे का इलेक्ट्रोनिक रिकार्ड भी रखने के लिए कहा गया है।

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