प्रतिमा के प्रयास से बंजर भूमि पर छाई हरियाली, जिंदगी भी खुशहाल

फोटो 2 अक्टूबर59 नमो देव्यै महा देव्यै... -सोलर पंप लगाकर पानी की व्यवास्था की खुद के साथ और की भूमि हो रही सिंचित -स्लैक परियोजना सहयोग के रूप में 1 लाख 17 हजार रुपये मिले -इस राशि से सोलर पंप लगाई और आज सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है -----------

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Oct 2019 01:46 AM (IST) Updated:Mon, 07 Oct 2019 01:46 AM (IST)
प्रतिमा के प्रयास से बंजर भूमि पर छाई हरियाली, जिंदगी भी खुशहाल
प्रतिमा के प्रयास से बंजर भूमि पर छाई हरियाली, जिंदगी भी खुशहाल

अमित कुमार सिंह, बाराचट्टी (गया)

कहते हैं अगर हौसले बुलंद हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं। दृढ़ निश्चय एक बार कर लिया जाए तो कामयाबी कदम चूमती है। इस कहावत को सच कर दिखाई हैं गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड अंतर्गत सरमा पंचायत के मनीचक गाव की महिला किसान प्रतिमा देवी ने। सोलर पंप लगाकर पानी की व्यवास्था की और आज बंजर भूमी पर सब्जी की खेती कर खुशहाली जिंदगी जी रही हैं। खुद के साथ आसपास की भूमि पर भी हरियाली छाई है।

प्रतिमा की कुल एक एकड़ भूमी पुस्तैनी है। इनमें से आठ कट्ठा भूमी नदी के पार है, जहा एक वर्ष पूर्व तक भगवान के भरोसे वहा खेती होती थी। इसके आसपास दूसरे किसानों की कुल छह बीघे जमीन थी। सिंचाई साधन नहीं होने से सभी जमीन बंजर हो गई थी।

प्रतिमा स्लैक परियोजना से जुड़ीं। अपनी समस्या परियोजना पदाधिकारियों के समक्ष रखीं। उसके बाद उन्हें सहयोग के रूप में 1 लाख 17 हजार रुपये मिले। इससे बंजर भूमि पर बोरिंग कराई तथा सोलर पंप लगाई। आज उनकी आठ कट्ठे जमीन के साथ आसपास की छह बीघे जमीन पर हरियाली ही हरियाली है।

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समस्तीपुर में मिली थी प्रेरणा

प्रतिमा देवी कहती हैं, हमलोगों को स्लैक परियोजना द्वारा समस्तीपुर खेती के तौर तरीके सीखने के लिए भेजा गया था। वहीं सोलर पंप से खेतों में पटवन होते देखा था। इसी वजह से हमने सोलर पंप को चुना। इससे पटवन करने में कोई खर्च नहीं आता। सिर्फ धूप होनी चाहिए।

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आज बच्चों को मिल

रही अच्छी शिक्षा

प्रतिमा बताती हैं, हमलोगों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी। सिंचाई के संसाधन के अभाव के कारण खेत होने के बाद भी खेती नहीं हो पाती थी। बस किसी तरह गुजारा चलता था। उनके तीन बच्चे हैं। पहले उनकी पढ़ाई नहीं हो पाती थी। आज सब कुछ बदल चुका है। बड़ी पुत्री सुप्रिया कुमारी और पुत्र अंकित कुमार बोधगया हॉस्टल में, दूसरे पुत्र प्रिंस कुमार गिरिडीह हॉस्टल में रखकर पढ़ाई कर रहे हैं। भगवान की कृपा से तीनों बच्चों प्रभावशाली हैं। यह सब सब्जी की खेती और परियोजना के सहयोग से ही संभव हो सका है।

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हर सीजन में सब्जी बेचकर

होती है 46 हजार की कमाई

प्रतिमा देवी बताती हैं, पति के साथ खुद नदी उस पार के खेत में मेहनत करते हैं। सब्जी लगाकर सुबह-शाम उसकी विशेष निगरानी रखते हैं। हर सीजन में सब्जी बेचकर 46 हजार रुपये कमाई हो जाती है। इससे बच्चों की पढ़ाई का खर्च निकल आता है। वहीं, सोलर पंप से आसपास के खेतों की पटवन 50 रुपये प्रति कट्ठा के हिसाब से करती है। इस राशि से आराम से घर का खर्च पूरा हो जाता है।

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बनी हैं प्रेरणास्रोत

प्रतिमा आसपास के गांवों के लिए आज प्रेरणास्रोत बनी हैं। उनके घर हर दिन प्रखंड के अन्य गावों की महिला समूह की महिलाएं उस पपं से हो रहे खेती को देखने आती हैं। वे भी इसे अपनाने की प्रक्रिया में लगे हैं। प्रतिमा बताती हैं, इस पंप को डेढ़ वर्ष पूर्व लगाया था। अभी तक सब कुछ ठीकठाक चल रहा है।

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