भूटान के बौद्ध श्रद्धालुओं का आठवां क्रोधकाली पूजा संपन्न
गया। विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर में गत 19 जनवरी से संचालित भूटान के बौद्ध श्रद्धालुओं का आठवां क्र
गया। विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर में गत 19 जनवरी से संचालित भूटान के बौद्ध श्रद्धालुओं का आठवां क्रोधकाली पूजा सोमवार को संपन्न हो गया। पांच दिनों तक लगभग तीन हजार भिक्षु-भिक्षुणियों ने एक लाख तांत्रिक मंत्रों का जाप किया। पवित्र बोधिवृक्ष की छांव में संचालित इस पूजा में शामिल भिक्षु-भिक्षुणी अपने हाथों में डमरू, वज्र व घंटी लेकर मंत्र जाप कर रहे थे। मंत्र जाप के दौरान जब डमरू व घंटी का स्वरबद्ध तरीके से वादन करते थे। तो सहज ही मंदिर परिभ्रमण करने वाले श्रद्धालुओं की कदम ठिठक सी जाती थी। भिक्षु-भिक्षुणियों द्वारा डमरू व घंटी का वादन कर्णप्रिय होता था। पूजा गरब दोरजे रिनपोछे के नेतृत्व में संचालित हुआ। रिनपोछे के सहायक लामा छम ने बताया कि यह पूजा विश्व शांति के निमित आयोजित किया गया। यहां यह बता दें कि इन दिनों मंदिर परिसर में बौद्ध लामाओं का एक और पूजा संचालित है। जो अवतारी बौद्ध लामा स्व. जिग्मे फुंत्सोक जुंगने के स्मरण में आयोजित है। यह पूजा 26 जनवरी को समाप्त होगा।