मोतिहारी बस हादसा: फॉरेंसिक जांच में राहत भरा खुलासा, एक भी मौत की पुष्टि नहीं
मोतिहारी बस हादसे की फॉरेंसिक जांच शुरू हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार दुर्घटना के बाद जली बस में मानव शव के अवशेष नहीं मिले हैं।
पूर्वी चंपारण [जेएनएन]। बिहार के मोतिहारी में बीते दिन हुए बस हादसे में अभी तक एक भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों से अभी तक मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को फॉरेंसिक जांच में भी जली बस में मानव शव के अवशेष नहीं मिले। हालांकि, एफएसएल की टीम ने अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है।
विदित हो कि गुरुवार की शाम मुुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही एक यात्री बस मोतिहारी के निकट कोटवा में दुर्घटनाग्रस्त होकर खाई में जा गिरी। दुर्घटना में पहले 27 यात्रियों के जिंदा जल जाने की खबर आई। इसके बाद सनसनी फैल गई। बाद में जांच के बाद प्रशासन ने बताया कि हादसे में एक भी मौत का प्रमाण नहीं मिला है। फिर, इसकी अंतिम पुष्टि के लिए पटना से आई फॉरेंसिंक टीम जांच कर रही है।
नहीं मिले मानव शव के अवशेष
शुक्रवार को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फॉरेंसिक की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। वहां से नमूने एकत्रित किए। प्रारंभिक जांच में किसी के शव या शव के अवशेष नहीं मिले हैं। शुक्रवार को आठ घायलों में सात को उपचार के बाद छोड़ दिया गया। अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि घायल राजदेव यादव का पुलिस अभिरक्षा में इलाज चल रहा है। उसके पैर की हड्डी टूट गई है।
सभी यात्री सुरक्षित, डीएम ने की उनसे बात
मोतिहारी के जिलाधिकारी रमण कुमार ने बताया कि बस में सवार सभी 13 लोगों से बात हो चुकी है। उनके पास पर्याप्त समय था, जिसके कारण वे सुरक्षित बाहर निकल गए। फॉरेंसिक व एनडीआरएफ की टीम की जांच में भी मौत की बात सामने नहीं आई है। हादसे के कारणों की जांच के आदेश दिए गए हैं।
एसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि सदर अस्पताल में भर्ती राजदेव यादव की पहचान चालक के रूप में हुई है। पुलिस अभिरक्षा में इलाज चल रहा है। ठीक होने पर गिरफ्तारी होगी। खलासी की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं।
फॉरेंसिक टीम ने एकत्रित किए नमूने
फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर सुबह छह बजे ही पहुंच गई। एफएसएल के उपनिदेशक सुरेश पासवान के नेतृत्व में आई तीन सदस्यीय टीम ने जली बस, घटनास्थल और उसके आसपास बिखरे व जले सामान की जांच की। कुछ नमूने एकत्रित किए। सुबह करीब साढ़े छह बजे टीम लौट गई।
पटना से पहुंची एनडीआरएफ की एक और एसडीआरएफ की दो टीम ( सीतामढ़ी- हाजीपुर) गुरुवार रात से घटनास्थल पर कैंप कर रही थी। सुबह साढ़े पांच से 11 बजे तक घटनास्थल के पास के गड्ढे और तालाब में गोताखोरों ने तलाशी ली। एनडीआरएफ की टीम का नेतृत्व कर रहे सहायक समादेष्टा कृष्णा पद बराई ने बताया कि किसी के मरने के कोई साक्ष्य नहीं मिले।
प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस जवान अब भी वहां कैंप कर रहे हैं। बस के ढांचे को घटनास्थल से करीब दो किमी दूर एनएच -28 के किनारे रखा गया है।