आयुर्वेद अस्पताल में तीन माह पहले आई मशीन का इस्तेमाल नहीं
दरभंगा। राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेद अस्पताल दरभंगा में लोगों को विभिन्न तरह के रोगों से निजात दिलाने की खातिर मसाज मशीन को आए तीन माह बीत गए लेकिन इसकी पैकिग तक नहीं खोली जा सकी।
दरभंगा। राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेद अस्पताल, दरभंगा में लोगों को विभिन्न तरह के रोगों से निजात दिलाने की खातिर मसाज मशीन को आए तीन माह बीत गए, लेकिन इसकी पैकिग तक नहीं खोली जा सकी। कमरे के अभाव में इसको लगाया नहीं जा सका है। इसकी कीमत 10 लाख है। इस मशीन का इस्तेमाल स्पाइनल और हड्डी से जुड़े रोगों के इलाज में किया जाता है। अस्पताल के कई भवनों के बाहरी अतिक्रमण के चलते यहां कमरों का अभाव है। अगले माह भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, दिल्ली की टीम अस्पताल का जायजा लेने पहुंच सकती है, ऐसे में अस्पताल के मानकों पर भी सवाल उठ सकता है।
बताते हैं कि मसाज मशीन का आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में खास महत्व है। लोगों में जितने भी रोग पाए जाते हैं, उनमें से 78 प्रतिशत का इलाज इस मशीन से संभव है। मशीन को आए दो महीने बीत गए, तीसरा चल रहा है, लेकिन भवन नहीं होने के कारण इसे इंस्टाल नहीं किया जा सका है। इस तरह के रोग में उपयोगी : इस उपकरण के माध्यम से पंचकर्म (प्री-आपरेटिव) इलाज किया जाता है। इसमें वमन, शौच, एनिमा, नाक के माध्यम से दवा और शरीर से खराब रक्त निकालने की प्रक्रिया चपहा की जाती है। किसी भी रोग की पहले मसाज विधि से इलाज की प्रक्रिया शुरू होती है। इस विधि से कमर दर्द, स्पाइनल, स्पाइनल नस, लकवा, गठिया, बात, पीत , कफ, समेत कई अन्य गंभीर रोगों का इलाज किया जाता है। किसी भी रोग को जड़ से समाप्त करने में 15 से ढाई माह लगते है। इसके लिए आयुर्वेद अस्पताल में पंचकर्म विभाग खुले हैं। इन रोगों का इलाज प्राचार्य डा. दिनेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में विशेषज्ञ चिकित्सक आनंद मिश्रा, डा. शंभू शरण और डा. मुकेश कुमार करते हैं। ये उपकरण मंगाए गए: यहां मसाज के लिए जो उपकरण मंगाए गए हैं, उनमें स्टीम बाक्स, मसाज टेबल, सीरोधारा टेबल आदि प्रमुख हैं। कोशिश यह है कि मशीन शीघ्र इंस्टाल कराकर लोगों को इसकी सुविधा दी जाए।