यहां पोशाक के नहीं हैं मायने

जमीन पर बैठे ब'चों ने ड्रेस कोड का अनुपालन नहीं कर रखा था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Feb 2017 03:13 AM (IST) Updated:Mon, 27 Feb 2017 03:13 AM (IST)
यहां पोशाक के नहीं हैं मायने
यहां पोशाक के नहीं हैं मायने

दरभंगा। ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड के तहत दैनिक जागरण की टीम ने रविवार को बस्तवाड़ा प्राथमिक मध्य विद्यालय बीएमसी मकतब का जायजा लिया। जमीन पर बैठे बच्चों ने ड्रेस कोड का अनुपालन नहीं कर रखा था। अधिकांश बच्चे अपने वर्ग में खेलकूद में व्यस्त थे। दोपहर 12.30बजे शिक्षिका आबिदा खातून बाहर के बरामदे में वर्ग तीन के बच्चे को पढा रही थी। शिक्षक नरेंद्र कुमार की उपस्थिति पंजी पर दर्ज थी, लेकिन स्कूल में मौजूद नहीं थे। शिक्षिका सलमा खातून, रजीया खातून, सईदा रहमानी, निकहत अफरोज, रूबीना सोहैल स्कूल परिसर में एक दूसरे से बातचीत कर रही थी। प्रधानाध्यापक मो. फारूक अंसारी कार्यालय में छात्रवृति राशि की सूची तैयार कर रहे थे। उन्होंने बताया कि नरेंद्र कुमार बीआरसी गए हैं, जबकि रविवार को प्रखंड संसाधन केंद्र बंद रहता है। छात्रों की संख्या 144 है। दो छतदार कमरा बना हुआ है। वर्ग 5की छा†ा रिजवाना खातून, इमराना परवीन, शैला यासमीन ने पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया। वर्ग चार के नजरे आलम ने पंचायत के मुखिया शबाना अमजद के बदले उसके पति का नाम बताया। मेन्यू के अनुसार भोजन नियमित मिलने की बात बच्चों ने कही। मदरसा परिसर में अवस्थित दो कमरे के विद्यालय में दो शौचालय है। किचेन शेड नहीं रहने के कारण खुले आसमान के नीचे चूल्हे का प्रयोग कर रसोइया मो. जाहीद, हेना परवीन, सबीला खातून भोजन रही थी। किसी ने एप्रोन का उपयोग नहीं किया था। एचएम ने बताया कि राशि के अभाव में गैस चूल्हा की खरीदारी नहीं हुई है। इसके कारण जलावन पर खाना बन रहा है। उपस्कर की कमी से बच्चों के मानसिक विकास व खेल कूद प्रभावित हो रहा है।

--------------------- सरकारी निर्देश का अनुपालन कर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास चल रहा है। शिक्षक व अभिवावक के साथ बच्चों का परस्पर सहयोग मिल रहा है। नियमित मेन्यू के मुताबिक बच्चों को भोजन दिया जाता है।भवन व उपस्कर की कमी को लेकर शिक्षा विभाग को अवगत कराया गया है।स्थानीय जनप्रतिनिधि को भी विधालय विकास की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया है।

मो. फारूक अंसारी, प्रधानाध्यापक।

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