बिहार के दरभंगा में सरकारी तालाब चोरी, भू-माफिया ने भरकर बना दिया समतल; घेरकर झोपड़ी भी बनाई

Bihar News बिहार के दरभंगा जिले में विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के नीम पोखर स्थित सरकारी करीब 36 डिस्मिल तालाब को भू-माफिया ने रातों-रात भरकर समतल बना दिया। इससे आसपास के लोगों में काफी आक्रोश है। लोगों का आरोप है कि पुलिस और सीओ की मिलीभगत से तालाब को भर दिया गया। शिकायत के बाद भी अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Prateek Jain Publish:Sun, 31 Dec 2023 12:50 AM (IST) Updated:Sun, 31 Dec 2023 12:50 AM (IST)
बिहार के दरभंगा में सरकारी तालाब चोरी, भू-माफिया ने भरकर बना दिया समतल; घेरकर झोपड़ी भी बनाई
बिहार के दरभंगा में सरकारी तालाब चोरी, भू-माफिया ने भरकर बना दिया समतल; घेरकर झोपड़ी भी बनाई। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

HighLights

  • विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के नीम पोखर स्थित सरकारी तालाब को कब्‍जाया
  • लोगों के आक्रोश पर एसडीपीओ जांच करने पहुंचे, कार्रवाई का दिया आश्वासन

जागरण संवाददाता, दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले में विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के नीम पोखर स्थित सरकारी करीब 36 डिस्मिल तालाब को भू-माफिया ने रातों-रात भरकर समतल बना दिया। इससे आसपास के लोगों में काफी आक्रोश है।

लोगों का आरोप है कि पुलिस और सीओ की मिलीभगत से तालाब को भर दिया गया। शिकायत के बाद भी अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे हैं। अब तो चारों तरफ से घेरकर झोपड़ी भी बना दी गई है। तालाब चोरी की इस घटना को लेकर लोग न्यायालय में जाने की तैयारी में हैं।

सीओ ने पत्र लिख जमाबंदी रद्द करने की मांग की थी

नीम पोखर स्थित यह तालाब बिहार के इकलौते सौर ऊर्जा प्लांट के ठीक बगल में स्थित है। इस तालाब की जमाबंदी बीते वर्ष से एक व्यक्ति को कर दी गई थी, उसने इसे भरना शुरू किया तो सीओ ने एडीएम राजस्व को पत्र लिख जमाबंदी रद्द करने की मांग की।

बताया जाता है कि उस पत्र को एडीएम ने खारिज कर दिया। जमाबंदी रद्द नहीं होने के चलते तालाब का भरा जाना जारी रहा। इसे लेकर लोग आक्रोशित हुए तो शनिवार को सदर एसडीपीओ अमित कुमार मौके पर पहुंचे और जांच की। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

इस संबंध में सदर अंचल के सीओ इंद्रासन साह का कहना है कि यह सैरात है। इसकी बंदोबस्ती होती थी। हाल के दिनों में किसी व्यक्ति ने इसकी जमाबंदी अपने नाम कर ली। मामला संज्ञान में आने के बाद जमाबंदी रद्द करने के लिए जिला मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें जमाबंदी को वैध माना गया है।

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