एपीएचसी छतवन को खुद इलाज की दरकार

दरभंगा। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छतवन में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है। इला

By Edited By: Publish:Sat, 04 Feb 2017 02:08 AM (IST) Updated:Sat, 04 Feb 2017 02:27 AM (IST)
एपीएचसी छतवन को खुद इलाज की दरकार
एपीएचसी छतवन को खुद इलाज की दरकार

दरभंगा। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छतवन में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है। इलाज के नाम पर यहां मात्र खानापूरी की जा रही है। दवा के नाम पर कुछ ही दवाएं दी जाती हैं। अन्य दवाओं के नाम पर यहां कुछ आयुर्वेदिक दवाएं हैं। एआरवी का घोर अभाव है। कहने को तो उक्त केंद्र पर एक आयुष चिकित्सक को पदस्थापित किया गया है। उन्हें भी इस केंद्र से ज्यादा सामुदायिक चिकित्सा केंद्र रनवे-केवटी में सेवा देनी पड़ती है। वहीं महिला चिकित्सक की कमी यहां महसूस की जाती है। उक्त चिकित्सकों के अलावा तीन एएनएम भी यहां

पदस्थापित हैं। चतुर्थवर्गीय कर्मचारी तथा सफाईकर्मियों की पदस्थापना नहीं होने से उक्त केंद्र की सफाई भगवान भरोसे है। महिला चिकित्सक के नहीं रहने से प्रसव कार्य भी एएनएम के भरोसे है। बिजली की व्यवस्था

नहीं रहने से शाम ढ़लते ही केंद्र भूत बंगला में तब्दील हो जाता है। मालूम हो कि उक्त केंद्र का उद्घाटन 27 अप्रैल 2002 को सूबे के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने किया था।। उस समय लोगों में आशा जगी थी कि अब लोगों को इलाज कराने के लिए दरभंगा या मधुबनी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। लेकिन, बेपटरी हुई यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था से लोगों की आशा अब धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है। एंबुलेंस सुविधा भी यहां उपलब्ध नहीं है। वहीं रोगी कल्याण समिति का भी पुनर्गठन नहीं किया गया है। बिजली सुविधा नहीं रहने से एएनएम रात में लालटेन या घरेलू उपयोग में आने वाली सोलर लाइट की रोशनी में प्रसव कराती हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार ¨सह ने बताया कि यहां की समस्याओं से

वरीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है।

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