मिथिला की धरोहरों की रक्षा के लिए दिया धरना

दरभंगा। मिथिला विकास संघ की ओर से बुधवार को आयुक्त कार्यालय के समक्ष मिथिला की धरोहरों की रक्षा की म

By Edited By: Publish:Thu, 08 Dec 2016 01:14 AM (IST) Updated:Thu, 08 Dec 2016 05:37 PM (IST)
मिथिला की धरोहरों की रक्षा के लिए दिया धरना

दरभंगा। मिथिला विकास संघ की ओर से बुधवार को आयुक्त कार्यालय के समक्ष मिथिला की धरोहरों की रक्षा की मांग को लेकर धरना दिया गया। धरना स्थल पर कमलेश उपाध्याय की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए संघ के संयोजक सुजीत कुमार आचार्य ने कहा कि मिथिला में एक से बढ़कर एक धरोहर हैं। जो उपेक्षित हैं। इस ओर सरकार व जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर इन धरोहरों का पर्यटन के रूप में विकास होता है तो यहां रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। रखरखाव के अभाव में ये धरोहरें विलुप्त होती जा रही हैं। उदय शंकर मिश्र ने कहा कि पांडुलिपि मिथिला की बहुमूल्य धरोहर है। इसके संरक्षण व विभिन्न भाषाओं में इसके अनुवाद की जरूरत है। ताकि लोग अपनी गौरवशाली सभ्यता, संस्कृति, धर्म, ज्ञान, संस्कार आदि के बारे में जान सके। सभा को वरुण कुमार झा, अजय झा, डॉ. आनंद प्रकाश, ज्ञानेश्वर राय, रौशन झा, कन्हैया झा, विभूति मिश्र, राजीव झा , मुरारी कुमार झा आदि ने संबोधित किया।

प्रमुख मांगें :

- कुशेश्वरस्थान स्थित पक्षी विहार पर उत्पन्न संकट दूर हो।

- दरभंगा स्थित ऐतिहासिक हराही,दिग्घी, गंगासागर व मिर्जा खां तालाब अतिक्रमणमुक्त हो एवं इसका सौंदर्यीकरण हो।

- मिथिला का गौरव दरभंगा राज किला घरोहर घोषित हो एवं उसका संरक्षण हो।

- मधुबनी का ऐतिहासिक बलिराजगढ़ किला पर्यटन के रूप में विकसित हो।

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