टिकट एक्स्चेंजर गिरोह का उद्भेदन

दरभगा, संस : दरभंगा जंक्शन के यूटीएस काउंटर से गुरुवार की रात गिरफ्तार किए गए टिकट एक्सचेंजर की निशा

By Edited By: Publish:Sat, 20 Dec 2014 01:10 AM (IST) Updated:Sat, 20 Dec 2014 01:10 AM (IST)
टिकट एक्स्चेंजर गिरोह का उद्भेदन

दरभगा, संस : दरभंगा जंक्शन के यूटीएस काउंटर से गुरुवार की रात गिरफ्तार किए गए टिकट एक्सचेंजर की निशान देही पर शुक्रवार को आरपीएफ ने गिरोह का उद्भेदन कर लिया। जिले से भाग रहे गिरोह के सरगना सहित दो जालसाज को लहेरियासराय स्टेशन से धर दबोचा गया। उसके पास से भारी मात्रा में नकली टिकट, विभिन्न स्टेशनों का मोहर, पैड, ब्लेड, इरेजर सहित कई आपत्ति जनक सामान बरामद किया गया है। गिरफ्तारों में रामदेव चौधरी का पुत्र व गिरोह का मास्टर माइंड प्रकाश चौधरी भी शामिल है। वह वैशाली के बेलसंड का रहने वाला है। लेकिन, वह फिलहाल अपनी ससुराल दलसिंहसराय के जलालपुर स्थित रामपुर में रहता है। वहीं उसका दूसरा साथी सहरसा जिले के सदर थाना क्षेत्र स्थित गांधीनगर निवासी शंकर दास का पुत्र मोहन कुमार है। मालूम हो कि गुरुवार को श्रवण नायक को पुलिस के हत्थे चढ़ते हुए उसका दूसरा साथी मोहन देखा था। उसने भाग कर सरगना को इसकी जानकारी दी। उसने पकड़े गए साथी को बचाने को कहा। लेकिन, उसने डांट कर कहा कि साले पहले अपनी जान बचाओ। इसके बाद वह आधा खाना छोड़कर उसे साथ ले जिले से भागने की तैयारी कर ली। इसी बीच श्रवण ने पुछताछ के दौरान बताया कि सरगना ममता होटल के रुम नंबर 13 में ठहरा है। पुलिस उसे साथ लेकर होटल पहुंची। लेकिन, वहां पहुंचने से पहले फरार हो चुका था। फिर उसने बताया कि इस समय वह दीपक होटल में खाना खाता है। जब पुलिस वहां पहुंची तो मालूम चला कि वह यहां से भी फरार हो चुका है। इसके बाद उसे दबोचने के लिए कादिराबाद, लहेरियासराय बस स्टैंड में तलाशी की गई। फिर पुलिस ने लहेरियासराय स्टेशन पर तलाशी ली। वहां दोनों को ट्रेन का इंतजार करते धर लिया गया। उसके पास बरामद बैग से 24 हजार 310 रुपये के 63 नकली टिकट बरामद किए गए। साथ ही 19 स्टेशनों के मोहर सहित कई सामान पाए गए। उसने बताया कि दरभंगा, समस्तीपुर, रोसरा, भागलपुर, सहरसा आदि स्टेशनों पर लगातार घटना को अंजाम दिया है। उसने यह भी बताया कि उसका गुरु पटना स्टेशन पर ऐसा काम करता है। उस गिरोह से हटकर अपना गिरोह बनाने की बात कही। उसने बताया कि वैशाली के बेलसंड का ही रहने वाला लंगड़ा व वेगु सहनी का गिरोह यहां हावी है। एक वर्ष पूर्व वे लोग हमारे गिरोह को यहां से खदेड़ दिए थे। इंस्पेक्टर अजय प्रकाश ने बताया कि तीनों आरोपी को जतीआरपी के हवाले कर दिया गया। जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

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