दूसरों को पाठ पढ़ाने वाले खुद लड़ रहे भुगतान की लड़ाई

बक्सर। शिक्षक विद्यालयों में या अन्य माध्यमों के सहारे अपने सार्थक हक की रक्षा के लिए दूसरों को प्रेरित करते हैं और मानवता का पाठ पढ़ाते हैं। नैतिक मूल्यों की जानकारी देते हैं। शिक्षक की बातों का समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 12:08 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 12:08 AM (IST)
दूसरों को पाठ पढ़ाने वाले खुद लड़ रहे भुगतान की लड़ाई
दूसरों को पाठ पढ़ाने वाले खुद लड़ रहे भुगतान की लड़ाई

बक्सर। शिक्षक विद्यालयों में या अन्य माध्यमों के सहारे अपने सार्थक हक की रक्षा के लिए दूसरों को प्रेरित करते हैं और मानवता का पाठ पढ़ाते हैं। नैतिक मूल्यों की जानकारी देते हैं। शिक्षक की बातों का समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लेकिन दूसरों को पाठ पढ़ाने वाले शिक्षकों को ही आज भुगतान की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ डुमरांव के अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद ने ये बातें कहीं। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के तीसरे दिन वह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि दूसरों को अधिकार का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षकों को अधिकार नहीं मिल रहा है। सरकार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार तथा अधिकारी विभिन्न हथकंडे अपनाकर स्वस्थ व स्वच्छ समाज निर्माणकारी कड़ियों को तोड़ने का अंग्रेजी विचारधारा अपना रहे हैं। विश्व की सर्वश्रेष्ठ अवसरवादी विचारधारा वाली सरकार सरकारी विद्यालयों से शिक्षा को बर्बाद करना चाहती है। अगर ऐसा नहीं होता तो शिक्षकों को तीन चार माह बाद भी वेतन के लाले नहीं पड़ते। वहीं, जयप्रकाश शर्मा ने कहा कि हम हक मांग रहे हैं कोई दान नहीं। तीसरे दिन कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री शर्मा तथा संचालन शिक्षक नेता धनजी सिंह व विमल सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। मौके पर जय प्रकाश सिंह, राकेश कुमार, जय कुमार राय, ज्ञानेश्वर पासवान, धनजी कुमार सिंह, राज कुमार, अभय कुमार, अनिल कुमार चंद्रवंशी, राकेश राय, अनिता यादव, राजेश कुमार सिंह, प्रदीप शर्मा, प्रोन्नति संघर्ष मोर्चा के यतीन्द्र चौबे, अखिलेश्वर चौबे, ज्ञानचंद राय, गोपगुट के जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार सिंह, प्रदीप शर्मा, सुभाष पासवान, संजय कुमार गुप्ता आदि मौजूद थे।

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