शिक्षा के मंदिर को गुरुजी ने बनाई जागीर

प्रखंड मुख्यालय से महज एक किमी की दूरी पर स्थित मध्य विद्यालय बसंतपुर में दैनिक जागरण की टीम शुक्रवार को सरकारी स्कूल खुलने के समय ठीक नौ बजे पहुंची।

By Edited By: Publish:Fri, 09 Dec 2016 06:29 PM (IST) Updated:Fri, 09 Dec 2016 06:29 PM (IST)
शिक्षा के मंदिर को गुरुजी ने बनाई जागीर

(बक्सर) : प्रखंड मुख्यालय से महज एक किमी की दूरी पर स्थित मध्य विद्यालय बसंतपुर में दैनिक जागरण की टीम शुक्रवार को सरकारी स्कूल खुलने के समय ठीक नौ बजे पहुंची। तबतक वहां सन्नाटा पसरा था। साढ़े नौ बजे रसोईयां भुआली चौधरी ने पहुंचकर कार्यालय का ताला खोला। ठीक दस बजे प्रभारी शिक्षक पुष्पेन्द्र कुमार ¨सह व दस मिनट बाद मो. नसीर नामक शिक्षक पहुंचे। साढ़े दस बजे बगैर साफ-सफाई किए सिर्फ 21 बच्चों के बीच चेतना सत्र पुरानी प्रक्रिया के तहत संपन्न हुई।

पौने ग्यारह बजे प्रभारी शिक्षक द्वारा हेडमास्टर राजगृही ओझा से पूछा गया कि वे कहां हैं, तो उन्होंने मौसम खराब रहने की बात कही। लेकिन, जागरण के अभियान की बात पर लगातार एक सप्ताह से अवकाश पर चल रहे हेडमास्टर साहब ने फोन पर बताया कि अचानक परिवार में किसी की तबीयत खराब हो गई है। जिसके चलते वे विद्यालय नहीं पहुंचे। जबकि, शुक्रवार को स्कूल खुलने तक प्रभारी शिक्षक को कोई मौखिक सूचना भी नहीं दिए जाने की बात सामने आई। यहां पदस्थापित कुल पांच शिक्षकों में रविन्द्र ¨सह का स्थानांतरण नचाप स्कूल में हो गया है। बाकी शिक्षकों में प्रधानाध्यापक एवं शिक्षिका कुमारी सुचिता अवकाश पर चल रही है। यहां नामांकित एक सौ बच्चों में 21 बच्चे उपस्थित मिले।

स्कूल परिसर में गंदगियों का अंबार

मिडिल स्कूल बसंतपुर में एक से आठ तक पढा़ई होती है। चेतना सत्र के पहले कभी स्कूल की सफाई नहीं होती है। स्कूल परिसर में लगाए गए चापाकलों के उपरी हिस्से की चोरी हो जाने के बाद बच्चों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। स्कूल आवर में बच्चे परिसर में खेल खेलते हैं और कोई रोक-टोक करने वाला नहीं होता है।

कहते हैं ग्रामीण

बसंतपुर गांव निवासी सुरेन्द्र चौधरी ने बताया कि यहां स्कूल में शिक्षकों की लेट-लतीफी एवं आपसी सामंजस्य के अभाव में पठन-पाठन की प्रक्रिया पूरी तरह प्रभावित हो रही है। स्कूल खुलने एवं बंद होने का कोई समय निश्चित नहीं है।

ग्रामीण महिला सबिता देवी का कहना है कि जब-तक शिक्षकों में ससमय विद्यालय आने-जाने की प्रवृति में सुधार व समय की पाबंदी नहीं आएगी तब तक बच्चों की पढ़ा़ई बेहतर तरीके से नहीं होगी।

ग्रामीण भुवनेश्वर चौधरी का कहना है कि स्कूल में गिरती शिक्षा-व्यवस्था एवं शिक्षकों की लेट-लतीफी को लेकर ज्यादातर सक्षम अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन निजी स्कूलों में कराने को विवश हैं। बसंतपुर विद्यालय में पढ़ाई लिखाई सिर्फ कोरम बनकर रह गया है।

कहते हैं प्रभारी शिक्षक

प्रभारी शिक्षक पुष्पेन्द्र कुमार ¨सह ने कहा कि कुछ दिन पहले स्कूल की गिरती शिक्षा-व्यवस्था में सुधार के लिए काफी प्रयास किया गया। लेकिन, ग्रामीणों का सहयोग मिलने की बात तो दूर बल्कि अभिभावकों की उदासीनता एवं कई बार स्कूल में हुई चोरी की घटना को लेकर मनोबल गिरने लगा।

कहते हैं बीईओ

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मो.शोएब अंसारी ने स्कूल की स्थिति पर ¨चता व्यक्त करते हुए बताया कि मामला बहुत गंभीर है। स्कूल पर जागरण टीम के जाने की सूचना मिलने के बाद प्रधानाध्यापक अवकाश की मौखिक सूचना दिए। पूरे मामले की जॉच कराई जाएगी और दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।

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