स्टेशन और ट्रेनों में यात्री खरीद कर पी रहे दूषित पानी

रेलवे में यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने की कवायद पर कमीशनखोरी भारी पड़ रही है। इसकी वजह से यात्रियों को स्टेशनों और ट्रेनों में पैसे खर्च करने के बाद भी शुद्ध पानी नसीब नहीं है। बक्सर और डुमरांव स्टेशन पर रेलवे का उत्पाद रेल नीर के बदले बोतलों में पैक कर दूषित पानी बेचा जा रहा है। बिना जांच और प्रमाणीकरण के बिक रहे इन पानी के बोतलों के यात्रियों से बीस रुपये वसूले जाते हैं। यात्रियों की इस परेशानी पर रेलवे प्रशासन द्वारा कोई सुध नहीं ली जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Jun 2019 03:42 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jun 2019 03:42 PM (IST)
स्टेशन और ट्रेनों में यात्री खरीद कर पी रहे दूषित पानी
स्टेशन और ट्रेनों में यात्री खरीद कर पी रहे दूषित पानी

बक्सर । रेलवे में यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने की कवायद पर कमीशनखोरी भारी पड़ रही है। इसकी वजह से यात्रियों को स्टेशनों और ट्रेनों में पैसे खर्च करने के बाद भी शुद्ध पानी नसीब नहीं है। बक्सर और डुमरांव स्टेशन पर रेलवे का उत्पाद रेल नीर के बदले बोतलों में पैक कर दूषित पानी बेचा जा रहा है। बिना जांच और प्रमाणीकरण के बिक रहे इन पानी के बोतलों के यात्रियों से बीस रुपये वसूले जाते हैं। यात्रियों की इस परेशानी पर रेलवे प्रशासन द्वारा कोई सुध नहीं ली जाती है।

अभी गर्मी और उमस के मौसम में केवल बक्सर और डुमरांव स्टेशनों पर बोतलबंद पानी का कारोबार दैनिक एक लाख रुपये से ज्यादा का है। इसके अलावे ट्रेनों में भी पानी लेकर वेंडर चढ़ते हैं। रेलवे ने यात्रियों के लिए रेल नीर का सीलबंद बोतल पानी की व्यवस्था की है। ताकि, यात्रियों को शुद्ध पेयजल मिल सके, लेकिन यहां शीर्ष के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से लोकल पानी की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है।

रेलनीर से आधी कीमत पर मिलता है लोकल पानी बताया जाता है कि वेंडर रेल नीर को बेचने में रुचि नहीं रखते। गुणवत्ता का पालन होने के कारण वह वेंडरों को लोकल ब्रांड के पानी से ज्यादा कीमत में मिलता है। इससे उन्हें वचत कम होती है। जबकि, रेल नीर से आधी कीमत पर रेलवे वेंडरों लोकल ब्रांड का पानी मिलता है। स्टेशनों और ट्रेनों में बिक रहे पानी के नाम भी बड़े दिलचस्प हैं। यात्रियों में भ्रम पैदा करने के लिए ब्रांडेड कंपनियों के मिलते-जुलते नामों के बोतल बेचे जाते हैं, जो स्टेशन के आसपास ही पैक होते हैं। इस पूरे खेल में रेलवे के वरीय अधिकारियों की मिलीभगत की बात कही जा रही है। वेंडर यही पानी बड़े हक से बीस रुपये में यात्रियों को बेचते हैं और पूछने पर कहते हैं कि मुनाफे में ऊपर तक हिस्सा देना पड़ता है।

रेलनीर के बदले दूसरे ब्रांड के पानी की बिक्री को लेकर कई बार खान-पान विभाग में लिखित शिकायत की गई। फिलहाल रेल नीर पर्याप्त उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण रेल यात्री लोकल पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं।

राजन कुमार, स्टेशन प्रबंधक, बक्सर।

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