इंडिया बुक से नवाजे गए बक्सर के लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव

बक्सर बक्सर जिले के डुमरांव में एक साधारण परिवार में पैदा हुए मुरली मनोहर श्रीवास्तव को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jul 2022 09:42 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jul 2022 09:42 PM (IST)
इंडिया बुक से नवाजे गए बक्सर के लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव
इंडिया बुक से नवाजे गए बक्सर के लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव

बक्सर : बक्सर जिले के डुमरांव में एक साधारण परिवार में पैदा हुए मुरली मनोहर श्रीवास्तव को उनकी शेाध पुस्तक बिस्मिल्ला खां के लिए इंडिया बुक आफ रिकार्ड-2022 से नवाजा गया है। बचपन से ही साहित्यिक माहौल में पले बढ़े मुरली मनोहर ने अपनी शोध पुस्तक के लिए काफी दिनों तक उस्ताद बिस्मिल्ला खां के साथ रहते हुए अपना जीवन व्यतीत किया था। मुरली मनोहर ने उस्ताद के जीवन काल में ही पुस्तक की रचना कर दी थी पर दुर्भाग्यवश प्रकाशित नहीं हो सकी थी।

वर्ष 2008 में प्रकाशित उनकी पुस्तक का प्रकाशन होने के बाद 2009 में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुस्तक का लोकार्पण किया था, बावजूद इसके पुस्तक को उचित सम्मान 14 साल बाद मिल सका। शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खां के नाम से शोध पुस्तक की रचना करने के बाद इसके प्रकाशन के लिए मुरली मनोहर गली-बली की खाक छानते रहे थे, तब उनकी लेखनी को किसी ने भी तवज्जो नहीं दिया था। 2008 में पुस्तक प्रकाशित होने के बाद से अब तक चार बार इसका प्रकाशन किया जा चुका है और पुस्तक को बेस्ट सेलर बायोग्राफी में भी शामिल किया गया है। दरअसल, उस्ताद की अपनी ख्वाहिश थी कि उनकी बायोग्राफी हिदी में प्रकाशित हो। विज्ञान के विद्यार्थी रह चुके मुरली मनोहर ने जीवन में काफी संघर्ष किया था। मुरली मनोहर अपनी लेखनी का श्रेय अपने पिता डा. शशि भूषण श्रीवास्तव को देते हैं। दरअसल उन्होंने अपने पिता को बचपन से ही फिल्म बनाते और कहानियों की रचना करते देखा था। उनके पिता ने ही उस्ताद पर अपनी पहली भोजपुरी फिल्म बाजे शहनाई हमार अंगना बनाई थी। इस इंडिया बुक आफ रिकार्ड 2022 से नवाजे जाने के साथ ही मुरली मनोहर को डाक्टरेट की मानद उपाधि के लिए यूके में नामित किया गया है।

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