ब्रह्मोश्वर बाबा के दर्शन से आत्मा तृप्त

बक्सर। भगवन शिव के भक्तों में बक्सर के ब्रह्मापुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की महिमा और महत्ता बेह

By Edited By: Publish:Fri, 31 Jul 2015 06:00 PM (IST) Updated:Fri, 31 Jul 2015 06:00 PM (IST)
ब्रह्मोश्वर बाबा के दर्शन से आत्मा तृप्त

बक्सर। भगवन शिव के भक्तों में बक्सर के ब्रह्मापुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की महिमा और महत्ता बेहद लोकप्रिय है। यही वजह है कि सावन के महीने में शिव भक्त अपने आराध्य देव के दर्शन को यहां खींचे चले आते हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूरे सावन माह यहां बाबा का जलाभिषेक करते हैं। इसके लिये श्रद्धालु मंदिर से 36 किलोमीटर दूर बक्सर के रामरेखा घाट से गंगा जल लेते हैं और पैदल बाबा भोले का जयकारा लगाते मंदिर तक आते हैं। रास्ते में गेरुआ व पीले वस्त्र धारण किये शिव भक्तों का हुजूम आांखों को बेहद प्रिय लगता है। स्थानीय माधव चंद्र श्रीवास्तव बताते हैं कि सोमवार को जलाभिषेक का यहां धार्मिक महत्व है, इसलिये रविवार की शाम में रामरेखा घाट पर जल उठाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। बाबा ब्रह्मोश्वर नाथ मंदिर पहुंच श्रद्धालु सबसे पहले वहां प्रांगण में स्थित शिवसागर तलाब में स्नान करते हैं और उसके बाद बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं। मंदिर का इतिहास

बाबा ब्रह्मोश्वर नाथ मंदिर स्कंद पुराण में वर्णित है। जिसमें कहा गया कि श्री ब्रह्मा जी ने बार-बार सृष्टि रचना का प्रयास किया। लेकिन, वह इसमें सफल नहीं हो रहे थे। तब उन्होंने इसी जगह शिव¨लग की स्थापना कर घोर तपस्या की। जिससे, भगवान शंकर प्रसन्न हो प्रजापति ब्रह्मा को सृष्टि सृजन का ज्ञान कराते हुए संसार के रचना की अनुमति प्रदान की। ऐसी मान्यता है कि इस शिव¨लग की स्थापना के बाद ही सृष्टि रचना का कार्य प्रारंभ किया गया। पौराणिक आख्यानो में उल्लेख है कि ब्रह्मा द्वारा स्थापित होने व शिव को अपना आराध्य मानने से प्रसन्न होकर भगवान भेालेनाथ ने इस ¨लग का नाम ब्रह्मोश्वरनाथ रखा। इस ¨लग का दूसरा नाम मनोकामना ¨लग है। केदारनाथ द्वारा लिखित ब्रह्मापुर महात्म्य में वर्णित है कि चक्रवर्ती सम्राट बनने के उपलक्ष्य में महराजा भवानी ¨सह ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। इस बार की तैयारी बाबा के दरबार में इस बार भी हर साल की तरह पूरे माह के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसे देखते हुए मंदिर प्रबंधन समिति एवं प्रशासन ने खास इंतजाम किये हैं। खासतौर पर हर रविवार एवं सोमवार को मंदिर के आसपास अस्थाई प्रवास स्थल का निर्माण कराया गया है। श्रद्धालुओं को मंदिर स्थल तक पहुंचने के लिये निजी वाहनों को हिदायत दी गयी है। पूरे माह के दौरान मंदिर व आसपास रोशनी एवं सुरक्षा के प्रबंध के लिये जिलाधिकारी रमण कुमार ने अनुमंडल प्रशासन को दिशानिर्देश जारी किये हैं। भाजपा के प्रदेश बुद्धिजीवी मंच के उपाध्यक्ष शंभूनाथ पांडेय ने बताया कि मंदिर की जो महत्ता है, उसके मुताबिक यहां प्रशासन यहां इंतजाम नहीं करता।मंदिर तक पहुंचने का मार्ग नजदीकी स्टेशन रघुनाथपुर से पांच किलोमीटर मंदिर की दूरी है। स्टेशन से आटो, टमटम व जीप से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा बक्सर स्टेशन से भी यहां तक यात्री जीप जाती है। आरा-बक्सर मुख्य मार्ग के निकट स्थित मंदिर जाने के लिये आरा से भी यात्री गाड़ी मिलती है।

कहते हैं प्रबंध समिति के सदस्य . हर साल की तरह इस साल भी सावन के लिये मंदिर प्रबंधन ने भव्य तैयारी की है। श्रद्धालुओं को जलाभिषेक में कोई दिक्कत नहीं हो इसके लिये कतार लगवाने की व्यवस्था की है। सुरक्षा को ले प्रशासन से भी सहयोग मिल रहा है। उमलेश पांडेय, पंडा, ब्रह्मोश्वर धाम मंदिर।

. कई बार जिलाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों से तालाब की सफाई व जल निकासी की व्यवस्था की मांग की गई। लेकिन, आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिला। जिससे इस बार भी बाबा के भक्त तालाब का प्रदूषित जल ही चढ़ाने के लिये विवश होंगे।अक्षय गोपाल पांडेय, पंडा, ब्रह्मोश्वर धाम।

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