तुम मुझे यूं भुला न पाओगे, जब कभी सुनोगे गीत मेरे...

तुम मुझे यूं भुला न पाओगे जब कभी सुनोगे गीत मेरे..

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Aug 2022 08:09 PM (IST) Updated:Mon, 01 Aug 2022 08:09 PM (IST)
तुम मुझे यूं भुला न पाओगे, जब कभी सुनोगे गीत मेरे...
तुम मुझे यूं भुला न पाओगे, जब कभी सुनोगे गीत मेरे...

तुम मुझे यूं भुला न पाओगे, जब कभी सुनोगे गीत मेरे...

जागरण संवाददाता, आरा : तुम मुझे यूं भुला न पाओंगे..., दिल का सूना साज तराना ढ़ूढ़ेगा..., छू लेने दो नाजुक होंठों को..., मेरे पैरों में घुंघरू बंधा दे..., बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब..., मैंने पूछा चांद से..., जिंदाबाद-जिंदाबाद एै मोहब्बत..., यहां मैं अजनबी हूं..., नफरत की दुनिया को छोड़...आदि गीतों से नागरी प्रचारिणी सभागार गूंजा। इन गीतों को क्रमश: धर्मेन्द्र सिंह मो. फैजान, हरिनारायण पासवान, राजाराम शर्मा, नवीन कुमार, प्रत्युष कुमार पांडेय, मनव्वर अंसारी, रमेश कुमार, राजकुमार आदि ने प्रस्तुत किया। अवसर था हरदिल अजीज गायक मो. रफी की 42 पुण्यतिथि पर व्यू प्वाइंट के बैनर तले आयोजित तुम मुझे यूं भुला न पाओगे...कार्यक्रम का।

इसमें डेढ दर्जन कलाकारों ने मो. रफी, लता मंगेशकर, मुकेश व उषा मंगेशकर के गीतों को गाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। गायक धर्मेन्द्र सिंह, राजकुमार, गायिका सुनीता पांडेय और संगीत प्रेमी इकबाल इल्मी ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त हरिनारायण पासवान ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि शहर में मो. रफी साहब की याद में इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर उनको याद किया जा रहा है। गायिका सुनीता पांडेय ने रहें न रहें हम..., रजनी शाक्या ने मोहे पनघट पे नंदलाल..., सृष्ट ने नैना बरसे रिमझिम-रिमझिम..., सबीना अंसारी ने आपकी नजरों ने समझा..., ऋषिका शर्मा ने लग जा गले कि फिर ये हंसी रात हो..., खुशी गुप्ता ने नैनों में बदरा छाए...व आकांक्षा ओझा ने ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं...को प्रस्तुत किया। वहीं युग्ल गीतों में सुनीता पांडेय व नवीन कुमार ने जन्म-जन्म का साथ है..., शमशाद प्रेम व सबीना अंसारी ने दीवाने हैं दीवानों को न घर..., ऋषिक शर्मा व पीहू शर्मा ने अपलम-चपलम... और रमेश कुमार व मनव्वर अंसारी ने सात अजूबे इस दुनिया में...प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में गायिका लता मंगेशकर, गायक के.के, गायक व संगीतकार बप्पी लहरी, गायक भूपेन्द्र सिंह, संगीतकार-कथक गुरु अरविन्द कृष्ण, चित्रकार राकेश दिवाकर को श्रद्धांजलि दी गई। मंच संचालन कार्यक्रम के संयोजक रंगकर्मी शमशाद ने किया। आयोजन को सफल बनाने में धर्मेन्द्र सिंह, इकबाल इल्मी, रमेश कुमार, मनव्वर अंसारी, सावन कुमार, मुन्ना पंडित आदि की अहम भूमिका रही।

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