डांसर की 'ना' बनी जानलेवा: बदन ढकने, छेड़छाड़ ना करने देने और फरमाइशी नाच नहीं दिखाने की यहां मिलती है सजा...

शादी हो या तिलक समारोह या ऐसे ही आयोजन नृत्य कार्यक्रम का चलन आम है। विशेष रूप से भोजपुर में यह परंपरा का हिस्सा है लेकिन हाल के वर्षों में जिस तरह हर्ष फायरिंग में उनकी हत्या तक की जा रही है उस किसी बदनुमा दाग से कम नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 15 May 2023 07:48 PM (IST) Updated:Mon, 15 May 2023 09:01 PM (IST)
डांसर की 'ना' बनी जानलेवा: बदन ढकने, छेड़छाड़ ना करने देने और फरमाइशी नाच नहीं दिखाने की यहां मिलती है सजा...
नाचने बुलाते हैं और मनमानी नहीं चलने पर मार देते हैं गोली।

 दीपक, आरा: रोहतास में शनिवार की रात एक नर्तकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं और ये सिलसिला जारी है। इस घटना ने कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं और यह भी कि किसी सभ्य समाज में इस तरह की घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं? मामला दर्ज किया जाता है, लेकिन अपराधी को सजा नहीं मिल पाती है। दबंगों के दबाव में पीड़ित परिवार भी इसे अपनी नियति मान चुप बैठ जाता है।

शादी हो या तिलक समारोह या ऐसे ही आयोजन, नृत्य कार्यक्रम का चलन आम है। विशेष रूप से भोजपुर में यह परंपरा का हिस्सा है, लेकिन हाल के वर्षों में जिस तरह हर्ष फायरिंग में उनकी हत्या तक की जा रही है, यह बदनुमा दाग है।

पिछले पांच साल में भोजपुर में चार राज्यों की छह नर्तकियां गोली का शिकार हो चुकी हैं। उन्हें इंसान समझा ही नहीं जाता, पर यह सवाल कहीं से नहीं उठता। इनमें तीन छत्तीसगढ़, एक हरियाणा, एक ओडिशा और एक बिहार की हैं, जो गोली लगने से घायल हो गई थीं।

 किसी भी कांड में अब तक सजा नहीं हुई है। गोली इसलिए मारी गई कि फरमाइशी गीत पर नृत्य नहीं किया या गीत पर फायरिंग के समय गोली लग गई। विवाह आदि समारोहों में हथियारों का प्रदर्शन रोकने लिए गृह विभाग का कड़ा कानून है, जिसके तहत दो साल की सजा और एक लाख जुर्माना का प्रवाधान है। इसके बाद इस तरह की घटनाओं का सिलसिला थम नहीं रहा है।

जब गोली से घायल हुईं नर्तकियां 

26 जून 2019 को चौरी थाना क्षेत्र के दुल्लमचक में बरात में नाच के दौरान चलाई गई गोली से छत्तीसगढ़ की सानिया घायल हो गई थी। मामला दर्ज हुआ। दो पकड़े भी गए, लेकिन सजा नहीं हुई। 7 अप्रैल, 2021 को जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दावां गांव में तमंचे पर डिस्को के दौरान फायरिंग में छत्तीसगढ़ के चिचोला की काजल  घायल हो गई थी। आरोपित फरार है।

15 फरवरी 2020 को  गड़हनी थाना क्षेत्र के डुमरिया गांव में छत्तीसगढ़ के दुर्ग की माही देवराज के पैर में गोली लग गई थी। वह जन्मदिन की पार्टी में नृत्य करने आई थी। 28 जनवरी 2022 को चरपोखरी थाना क्षेत्र के बरनी मोड़ के समीप शादी समारोह से लौट रहीं नर्तकियों पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें पीरो की संजना कुमारी घायल हो गई। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

08 जून, 2022 को  कोईलवर थाना क्षेत्र के बाघ- मंझौवा गांव में बरात में हरियाणा की डांसर सोनम सेन को गोली मारी गई। उसने अश्लील हकरत का विरोध किया था। 16 नवंबर 2022 को संदेश के सलेमपुर गांव में ओडिशा की डांसर नीनू बेहरा को गोली मारी गई थी।

नाबालिगों की लगती है बोली

इन नर्तकियों का पेशा नाच-गाना है, लेकिन इसमें नाबालिगों को भी जबरन लाया जाता है। और तो और उनकी बोली भी लगती है। यह बहुत ही शर्मनाक स्थिति है। इन्हें पूरे कपड़े पहनने तक की मनाही है। हाल के वर्षों में केवल एक जगह से नाबालिग को मुक्त कराते हुए प्राथमिकी की गई थी और गिरफ्तारी भी हुई।

आरा के अलावा गड़हनी, चरपोखरी, पीरो, बिहियां सहित एक-दो अन्य जगहों पर आर्केस्ट्रा का संचालन किया जाता है। ये सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ की लड़कियों को इस पेशे में लाते हैं। उनसे एग्रीमेंट कराया जाता है। उसकी उम्र, रंग को ध्यान में रखते हुए बोली लगाई जाती है। इसके बाद तय होता है कि कितना पैसा देना है। एक तो गरीबी, दूसरा इस धंधे के माफिया के नेटवर्क में वे फंसती चली जाती हैं और फिर निकल नहीं पाती हैं।

पिछले साल 9 मार्च को नाबालिग को इस पेशे में उतारने के आरोप में अशोक राम को आयर थाना क्षेत्र के श्रीपुर गांव से गिरफ्तार किया गया था। चाइल्डलाइन, आरओ सुनीता कुमारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा की तीन नाबालिगों को चाइल्ड लाइन की निगरानी में रखा गया। बाद में घरवालों को बुलाकर सौंप दिया गया।

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