फुहां में फैली महामारी, 25 संदिग्ध बच्चे मिले

बड़हरा प्रखंड के फुहां गांव में खसरा के 25 संदिग्ध मरीजों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में अफरा-तफरी मच गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 10:57 PM (IST) Updated:Mon, 24 Feb 2020 10:57 PM (IST)
फुहां में फैली महामारी, 25 संदिग्ध बच्चे मिले
फुहां में फैली महामारी, 25 संदिग्ध बच्चे मिले

आरा। बड़हरा प्रखंड के फुहां गांव में खसरा के 25 संदिग्ध मरीजों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में अफरा-तफरी मच गई है। खसरा की बीमारी पूरे गांव में महामारी जैसी फैल गई है। गांव की हालत नाजुक बनी हुई है। जानकारी के अनुसार फुहां गांव में सही ढंग से खसरा का टीकाकरण नहीं होने के कारण नौनिहाल बच्चों में खसरा की बीमारी फैल गई है। सूत्रों के अनुसार खसरा की बीमारी फैलने की सूचना एक एनएम ने गुरुवार को ही बड़हरा पीएचसी को दे दी थी। एनएम की रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया। सूचना के तीन दिन बीत जाने के बाद बड़हरा पीएचसी प्रबंधन की नींद खुली। इसके बाद सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की डब्ल्यूएचओ, एसएमओ, डीआईओ, आईडीएसपी, एंबुलेंस, बीस एनएम और एसीएमओ समेत कई टीमें गांव में पहुंची। इसके बाद टीमों ने गांव में जांच शुरू कर दी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने 25 नौनिहाल बच्चों को चिन्हित किया। सभी बच्चों में खसरा की बीमारी का लक्षण भी मिला। 25 बच्चों में से पांच नौनिहाल बच्चों का टीम ने ब्लड सैंपल भी लिया गया। टीम ने बच्चों का ब्लड सैंपल लेकर पटना भेज दिया है। खसरा के संदिग्ध मरीज मिलने के बाद इलाके में दहशत का माहौल कायम हो गया है। पूछे जाने पर सिविल सर्जन ने बताया कि खसरा के मरीजों का मामला संज्ञान में आया है। जांच हो रही है।

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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई गई है। एक बार फिर स्वास्थ्य केंद्र सुर्खियों में आ गया है। चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कई पीएचसी सुर्खियों में रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि पीएचसी की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान के भरोसे चलती है। बड़हरा के विभिन्न गांवों में खसरा का टीकाकरण करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। पीएचसी से दवा नहीं मिलने पर मजबूरन मरीज बाहर से दवा खरीदते हैं। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है। सरकार द्वारा दवा अस्पताल में आती तो जरूर है। बावजूद अस्पताल प्रबंधन के द्वारा दवाओं का वितरण नहीं किया जाता है। प्रसव होने के बाद परिजनों से पैसा मांगने का भी आरोप लगा था। डिलीवरी होने के बाद महिलाओं को पोषाहार नहीं दिया जाता है। अस्पताल में साफ सफाई नहीं की जाती है। इससे गंदगी का अंबार लगा रहता है। मालूम हो कि ऑक्सीजन के अभाव में एक नवजात बच्चे की मौत हो गई थी। इसके बाद स्थानीय लोगों ने पीएचसी की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा करके जमकर बवाल काटा था। इस दौरान लोगों ने बवाल करते हुए स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। वहीं पीएचसी प्रभारी डॉ. अरविद कुमार ने बताया कि लोगों द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद है।

हैरानी तो तब हो गई जब फुहां गांव के नौनिहाल बच्चों में महामारी फैलने की सूचना पूरे जिले में आग की तरह फैल गई। महामारी की खबर फैलने के बावजूद भी स्थानीय पीएचसी के प्रभारी डॉ. अरविद कुमार नहीं पहुंचे। यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन हुआ है।

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