भागलपुर कोर्ट में अपने दुश्मन को मारने पहुंचा युवक तमंचा समेत धर दबोचा गया, लेने वाला था गोली का बदला गोली से
भागलपुर में पेशी में प्रतिद्वंद्वी को निशाना बनाने आया अपराधी लोडेड तमंचे के साथ दबोचा गया। तकनीकी निगरानी में पकड़ लिया गया शातिर वरना दिनदहाड़े हत्या से दहल गया होता कचहरी परिसर। 30 अप्रैल की रात बरारी थाना क्षेत्र के बैहरा बाड़ी में मेजर यादव को मारी गई थी गोली।
जागरण संवाददाता, भागलपुर : कचहरी में पुलिस की तकनीकी सेल की निगरानी में मंगलवार की सुबह बड़ी वारदात के पूर्व लोडेड तमंचे के साथ एक अपराधी को पुलिस टीम ने दबोच लिया। गिरफ्तार अपराधी की पहचान बरारी थाना क्षेत्र के पुरानी ड्योढ़ी रोड निवासी पवन यादव उर्फ मेजर यादव के रूप में हुई है। उसे सादे लिबास में कचहरी चौक-नगर निगम चौराहा रोड से सटे व्यवहार न्यायालय के गेट के सामने वकीलों के सिरिश्ता के समीप जवानों ने दबोच लिया।
पहले वह जवानों की पकड़ से छूटने की कोशिश कर धक्का दे भागना चाहा लेकिन उसे दो जवानों ने एक-दो हाथ दे कर काबू किया और बाइक पर बीच में बैठा कर ले जाना चाहा। इस बीच जोगसर थाने की गश्ती दल भी पहुंच गई और उसे जीप पर बैठा थाने लाई। उससे पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार अपराधी 30 अप्रैल की रात बरारी के बैहरा बाड़ी में दूसरे गुट के अपराधियों ने कातिलाना हमला कर जान लेने की कोशिश की थी। मेजर को पीछे से गोली मार दी गई थी। पटना में उपचार के दौरान बच जाने के बाद से वह हमलावर बदमाशों की तलाश में था। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक पूछताछ में इस बात की जानकारी सामने आ रही है कि कचहरी में जेल से पेशी के दौरान बरारी निवासी रमन यादव उर्फ रावना उर्फ रहिमन यादव के आने की जानकारी पर वह कचहरी पहुंचा था।
मेजर उसे ही निशाना बनाने की ताक में पहुंचा था। मेजर पर हुए हमले में नामजद होने के बाद रहिमन यादव पुलिस की दबिश के भय से कुछ दिनों पूर्व आत्मसमर्पण कर दिया था। पूर्व में मेजर और रहिमन यादव जेल में एक साथ थे। जेल में मेजर के एक दोस्त से रहिमन की मारपीट हुई थी। जेल से जमानत पर आने के बाद चैती दुर्गा पूजा में भी इस बार रहिमन और उसके दोस्तों ने मेजर और उसके दोस्त के साथ मारपीट की थी। उसके बाद रहिमन और उसके दोस्तों से 30 अप्रैल की देर शाम से ही मेजर और उसके दोस्तों के बीच तनातनी होने लगी थी। उसी रात साढ़े नौ बजे मेजर को पीछे से बैहरा बाड़ी में गोली मारकर रहिमना और उसके साथी भाग निकले। उक्त जानलेवा हमले में रहिमना यादव, भूषण यादव, राहुल यादव आदि नामजद आरोपित बनाए गए।