सृजन घोटाला : वित्त विभाग का जिम्मा लिए कर्मचारियों पर रखी जा रही नजर Bhagalpur News

सृजन घोटाला उजागर होने के बाद अब सरकारी खजाने में सेंध न लगे इसके लिए पूरी कवायद की जा रही है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर टीम गठित की गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Tue, 23 Jul 2019 09:53 AM (IST) Updated:Tue, 23 Jul 2019 09:53 AM (IST)
सृजन घोटाला : वित्त विभाग का जिम्मा लिए कर्मचारियों पर रखी जा रही नजर Bhagalpur News
सृजन घोटाला : वित्त विभाग का जिम्मा लिए कर्मचारियों पर रखी जा रही नजर Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। सृजन घोटाला उजागर होने के बाद अब अफसरों को मातहत कर्मचारियों पर भरोसा नहीं रह गया है। खासतौर पर वित्त की जिम्मेदारी लिए कर्मचारियों पर विशेष नजर रखी जा रही है, जो सृजन घोटाले के समय विभाग में तैनात थे। यहीं नहीं वर्तमान में भी जिन लोगों के पास वित्तीय अधिकार है उन पर भी नजर रखी जा रही है।

सृजन घोटाला उजागर होने के बाद अब सरकारी खजाने में सेंध न लगे इसके लिए पूरी कवायद की जा रही है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर टीम गठित की गई है। ताकि डीआरडीए की राशि के गबन में शामिल कर्मचारियों और अधिकारियों की पहचान की जा सके। हालांकि, सृजन घोटाले की जांच सीबीआइ कर रही है, लेकिन सरकार के निर्देश के बाद विभाग ने भी अपने सभी कील कांटों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है। सृजन घोटाले का पर्दाफाश हुआ तब घोटाले का आकार करीब 1900 करोड़ रुपये था। जांच के क्रम में पता चला कि सृजन के खाते से कई विभागों को राशि लौटाई भी गई।

हालांकि लौटाई गई राशि को प्रशासन ने उस समय गिनती में नहीं रखा था। उस समय सृजन के खाते में अलग-अलग विभागों की जितनी राशि गई उसे ही अंकित किया गया। जब विभागों ने सृजन के खाते में गई राशि फिर से सरकार से मांग करनी शुरू की तब वित्त विभाग ने सही राशि गबन का जिक्र किया। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग, कल्याण विभाग, डूडा और भूअर्जन विभाग ने मनी सूट के लिए सरकार से अनुमति मांगी।

हाल में जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने समीक्षा बैठक की। उसमें उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि वित्त विभाग के निदेशों का हर हाल में अनुपालन किया जाए। साथ ही कहा रोकड़ पंजी का मिलान कर जांच कर खुद संतुष्ट जरूर हो लें। जिस कर्मी की भागीदारी है उसकी भी जांच कर लें। जिलाधिकारी ने यहां तक कहा की जिस नाजिर के समय में चेक कटा है। कैश बुक को भी वेरीफाई कर लें। जिस कार्यालय में वास्तविक व्यय की जानकारी नहीं है। वह महालेखाकार से संपर्क कर वास्तविक व्यय की जानकारी प्राप्त करें। सबसे ज्यादा सृजन के खाते में कल्याण विभाग की 221.65 करोड़ राशि गई थी। उसकी जांच के लिए जिलाधिकारी ने टीम गठित कर दी है। सभी को तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।

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