सृजन घोटाला भागलपुर : अमित और विपिन की दो संपत्ति को सीबीआइ ने अटैच नहीं किया

सीबीआइ सृजन घोटाला के मास्टरमाइंड अमित कुमार और विपिन की दो संपत्ति को अटैच नहीं किया है। जगदीशपुर अंचलाधिकारी ने डीएम व एसडीओ को रिपोर्ट सौंपा। बीकानेर के उपर खाली पड़ी है विपिन कुमार की संपत्ति। इस मामले के कई आरोपी फरार हैं।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Fri, 25 Dec 2020 04:14 PM (IST) Updated:Fri, 25 Dec 2020 04:14 PM (IST)
सृजन घोटाला भागलपुर : अमित और विपिन की दो संपत्ति को सीबीआइ ने अटैच नहीं किया
भागलपुर में सृजन घोटाले की जांच हो रही है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। सृजन घोटाला भागलपुर : सीबीआइ सृजन घोटाला के मास्टरमाइंड अमित कुमार और विपिन की दो संपत्ति को अटैच नहीं कर पाई है। दोनों ही संपत्ति जगदीशपुर अंचल में पड़ता है। संपत्ति अटैच करने के लिए सदर एसडीओ द्वारा बनाए गए मजिस्ट्रेट जगदीशपुर अंचलाधिकारी संजीव कुमार ने दो संपत्ति के अटैच नहीं करने की जानकारी जिलाधिकारी प्रणव कुमार और सदर एसडीओ आशीष नारायण को दे दी है।

अमित कुमार एक संपत्ति बरेहपुरा के प्राणवती लेन में है। यहां तीन मंजिला मकान है। इस मकान में सृजन घोटाला की सूत्रधार मनोरमा देवी, उनका पुत्र अमित कुमार और अमित कुमार की पत्नी रजनी प्रिया रहती थी। मनोरमा देवी की मौत हो गई है और अमित और प्रिया फरार है। मनोरमा देवी की मौत के बाद रजनी प्रिया सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव बनी थी। मनोरमा देवी ने ही सृजन महिला विकास सहयोग समिति का गठन किया था। विपिन कुमार मनोरमा देवी के सहयोग से करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक बन गए हैं। उनकी एक संपत्ति खलीफाबाग चौक स्थित बीकानेर के उपर खाली प्लॉट है। सीबीआइ उस स्थल तक गई थी, लेकिन अभी तक उसे अटैच नहीं किया गया है।

सीबीआइ को कोर्ट के आदेश पर अमित कुमार, रजनी प्रिया व विपिन कुमार की 15 संपत्ति को अटैच करना था। दस दिसंबर से सीबीआइ ने कार्रवाई शुरू की। सबौर, नाथनगर और जगदीशपुर अंचल में 15 में से 13 संपत्ति को सीबीआइ ने अटैच कर लिया। सीबीआइ की जो कार्रवाई हुई है वह कल्याण विभाग में हुए घोटाले से संबंधित है। कोतवाली थाने में पूर्व कल्याण पदाधिकारी द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर कोर्ट से अमित, प्रिया और विपिन की संपत्ति अटैच करने का आदेश दिया था। दो संपत्ति को सीबीआइ अभी तक अटैच नहीं कर पाई है। इसकी जानकारी जगदीशपुर अंचलाधिकारी द्वारा डीएम व एसडीओ को दी गई है।

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