बिहार में बाढ़: खगडि़या में घुसा गंगा का पानी, उफनाई कोसी से सुपौल में त्राहिमाम

बिहार में बाढ़ का कहर गहराता जा रहा है। कोसी व गंगा उफान पर हैं। सुपौल व खगडि़या के दर्जनों गांवों में पानी घुस गया है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 10 Aug 2018 09:40 PM (IST) Updated:Sat, 11 Aug 2018 05:54 PM (IST)
बिहार में बाढ़: खगडि़या में घुसा गंगा का पानी, उफनाई कोसी से सुपौल में त्राहिमाम
बिहार में बाढ़: खगडि़या में घुसा गंगा का पानी, उफनाई कोसी से सुपौल में त्राहिमाम

भागलपुर [जागरण टीम]। नेपाल की तराई में लगातार हो रही बारिश से कोसी का जलस्तर काफी बढ़ गया है । नतीजतन तटबंध के बीच बसे तमाम गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। उधर, खगडिय़ा में गंगा के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि जारी है। दियारा क्षेत्र में बाढ़ का पानी फैल रहा है। पानी के तेजी से फैलने से अब तक  सैकड़ों एकड़ फसलें डूब चुकी हैं।

गंगा उफान पर, सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें डूबी

खगडिय़ा में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। दियारा क्षेत्र में उसकी बाढ़ का पानी फैल रहा है। पानी के तेजी से फैलने से अब तक  सैकड़ों एकड़ फसलें बाढ़ में डूब चुकी हैं। हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर अबतक फसल की क्षति का कोई आकलन नहीं किया गया है। गोगरी बीएओ के अनुसार अभी गंगा की धारा व उपधारा के आस-पास के खेत ही बाढ़ से डूबे हैं। अभी सर्वे नहीं किया गया है।

उधर किसानों के अनुसार  शुक्रवार को गोगरी दियारा क्षेत्र में गंगा का जल स्तर डेढ़ फीट बढ़ा है। गोगरी पंचायत में इमादपुर ङ्क्षबदटोली व लतामबाड़ी के पास गंगा उफान पर है। उस गांव के तीन दिशाओं में पानी फैल चुका है। वहां के खेत-खलिहान पानी में डूब चुके हैं। अधिकांश खेतों में मक्के की फसल लगी है।

वहीं प्राथमिक विद्यालय इमादपुर लतामबाड़ी के पास तक गंगा का पानी पहुंच चुका है। वहां पर गंगा का कटाव भी दिख रहा है। अगर कटाव तेज हुआ, तो विद्यालय गंगा में विलीन हो सकता है। पास के बौरना, भदलय आदि गांव के निचले इलाके में भी पानी प्रवेश करने लगा है। ये गांव जीएन तटबंध के अंदर बसे हुए हैं।

ग्रामीणों के अनुसार गंगा जिस तरह उफान पर  है, इससे लगता है कि क्षेत्र के लोगों को बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। ग्रामीण  मो. तसोवर के अनुसार गंगा के पानी से 50 एकड़ से अधिक भूमि में लगी परवल व अन्य सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। जबकि मक्के की फसल को सर्वाधिक नुकसान हुआ है।  कटघरा, भुडिय़ा, आश्रम टोला आदि जगहों में भी फसलें बर्बाद हुई हैं।

गोगरी एसडीओ सुभाषचंद्र मंडल ने कहा कि गंगा जलस्तर में वृद्धि जारी है। प्रशासन की ओर से नजर रखी जा रही है।  तटबंध पर कोई खतरा नहीं है।  अभी बाढ़ की स्थिति नहीं बनी है। बावजूद संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन सजग है।

सुपौल में नाव परिचालन नहीं होने से परेशानी

कोसी नदी में पानी बढ़ने से पूरे कोसी क्ष्‍ोत्र में जल-जीवन प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित सुपौल में कई जगह निजी नावों के सहारे लोग नदी पार कर रहे हैं। सरकारी स्तर पर अभी एक भी नाव का परिचालन नहीं हो रहा है। नाविक तथा नाव मालिकों का परिचालन हेतु प्रशिक्षण हो गया है, लेकिन नाव की एमवीआइ जांच नहीं हो पाई है।

सुपौल के ये गांव हैं प्रभावित

परसा, सोनवर्षा, बुर्जा, खाप, चमेलवा, हांसा, लक्ष्मीनियां, नौआबाखर, परसाही, झखराही, सुजानपुर, मौजहा, पीरगंज, भेलवा, मोमीन टोला, दिघिया, दुबियाही, सिसवा, पंचगछिया, पकडिय़ा, डुमरिया, बुढिय़ा डीह, ठाढ़ी धाता, खखैय पश्चिम।

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