Self employment : युवाओं को मिलेगा अवसर, मिलेंगे पौधे, तीन वर्षें तक प्रोत्साहन राशि भी

Self employment जिले के युवाओं का खास ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राष्‍ट्रीय बांस मिशन के तहत कुछ योजनाएं बनाई गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 08:44 AM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 08:44 AM (IST)
Self employment :  युवाओं को मिलेगा अवसर, मिलेंगे पौधे, तीन वर्षें तक प्रोत्साहन राशि भी
Self employment : युवाओं को मिलेगा अवसर, मिलेंगे पौधे, तीन वर्षें तक प्रोत्साहन राशि भी

भागलपुर [अमरेंद्र कुमार तिवारी]। राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदलने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1851.61 लाख रुपये की योजना तैयार कर ली है। इस योजना के तहत न सिर्फ बांस के सघन पौधारोपण से राज्य में हरियाली बढ़ाई जाएगी, बल्कि इससे पर्यावरण भी शुद्ध होगा। किसानों को इसकी खेती के लिए निश्शुल्क पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। पौधों को तीन वर्ष तक जीवित रखने वाले किसानों को प्रति पौध प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

कारीगरों और किसानों को मिलेगा रोजगार

बड़े पैमाने पर बांस की खेती होने से इसके उत्पाद का मूल्य संवर्धन के लिए किसानों एवं कारीगरों को खेती व बाजार मांग के अनुरूप वस्तुएं तैयार करने के गुर सिखाए जाएंगे, ताकि वे खुद से अपना कुटीर उद्योग शुरू कर पाएं। इससे आमदनी दोगुनी होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव होगा।

40 किसान और कारीगर प्राप्त कर चुके हैं प्रशिक्षण

लॉकडाउन से पूर्व वन विभाग द्वारा भागलपुर समेत अन्य जिले से चयनित 40 किसानों एवं कारीगरों को प्रशिक्षण के लिए त्रिपुरा भेजा गया था। वे वहां से बांस के बाजार मांग के अनुरूप प्रोडेक्ट को तैयार करने के गुर सीख कर आए हैं। डीएफओ एस सुधाकर ने कहा कि प्रशिक्षण लेकर आए कारीगरों ने कुटीर उद्योग शुरू करने संबंधित आवेदन विभाग को दिए हैं। उन्हें अनुदान के साथ रोजगार शुरू कराने की योजना बनाई जा रही है।

बांस बढ़ाएगा राज्य की हरियाली

अब राज्य की हरियाली बढ़ाने में बांस सहायक बनेगा। वायुमंडल से कार्बन को अवशोषित कर पर्यावरण को भी स्वस्थ बनाने में यह पौधे सहायक सिद्ध होंगे। इसके लिए राज्य के छह सौ हेक्टेयर में बांस का सघन पौधारोपण कराने की योजना को मंजूरी मिल गई है। राज्य में बांस की अन्य सात बड़ी और 60 छोटी पौधशाला खोलने की तैयारी कर ली है। बड़ी पौधशाला में 25 हजार और छोटी में 16 हजार पौधे तैयार किए जाएंगे। छोटी 10 पौधशाला निजी जमीन पर भी खोली जाएंगी।

बांस के नए पौधे को तैयार करने के लिए मायागंज में सघन नर्सरी तैयार की जा रही है। जिसकी क्षमता 50 हजार की होगी। जो टिश्यू कल्चर लैब के नियंत्रण एवं मार्गदर्शन में तैयार होगा। इसके लिए मायागंज में तीन नेट हाउस तैयार करने का काम प्रगति पर है। - डॉ. एके चौधरी, परियोजना इंचार्ज बांस टिश्यू कल्चर लैब, टीएनबी कॉलेज

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