पूसी रेलवे : सिक्किम तक पहुंचेगी ट्रेन, बनाये जाएंगे 14 सुरंग

नार्थ ईस्ट के राज्यों में रेल व सड़क परियोजना का कार्य तेजी से हो रहा है। अब तक रेल नक्शे से बाहर सिक्किम तक रेल परियोजना का कार्य दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Fri, 28 Aug 2020 09:12 AM (IST) Updated:Fri, 28 Aug 2020 09:12 AM (IST)
पूसी रेलवे : सिक्किम तक पहुंचेगी ट्रेन, बनाये जाएंगे 14 सुरंग
पूसी रेलवे : सिक्किम तक पहुंचेगी ट्रेन, बनाये जाएंगे 14 सुरंग

कटिहार, जेएनएन। कटिहार- सिक्किम भी अब रेलवे के नक्शे में शामिल हो जाएगा। पूसी रेलवे की 8900 करोड़ की यह रेल परियोजना तकनीकी कारणों से ठप पड़ा था। चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच इस रेल परियोजना पर काम तेजी से करने का निर्देश दिया गया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी शुभानन चन्द्रा ने बताया की पश्चिम बंगाल के शिवोक से सिक्किम के रांगपो के बीच 44. 96 किमी लम्बी रेल लाइन बिछाई जानी है। 41.55 किमी हिस्सा बंगाल तथा 3. 41 किमी हिस्सा सिक्किम में होगा। महन्दी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी होकर रेल लाइन गुजारे जाने के कारण वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी मिलने के बाद काम तेजी कराया जा रहा है। 44.96 किमी लम्बी रेल परियोजना में 14 सुरंग, 13 पुल भी बनाया जाएगा। सुरंग की कुल लम्बी 38555 मीटर होगी। जानकारी के मुताबिक चीन से बढ़ते तनाव के बीच इस परियोजना का काम तेजी से कराए जाने का निर्णय लिया गया है। परियोजना 2022 तक पूरा करा लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

सक्किम रेल लाइन परियोजना में आई तेजी

नार्थ ईस्ट के राज्यों में रेल व सड़क परियोजना का कार्य तेजी से हो रहा है। अब तक रेल नक्शे से बाहर सिक्किम तक रेल परियोजना का कार्य दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। महानंदी वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी से गुजरने वाली इस रेल परियोजना के पूर्ण होने से बिहार समेत देश के अन्य हिस्सों से सिक्किम का सीधा जुड़ाव हो जाएगा। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ के अनुसार 44.96 किमी लंबी यह परियोजना के तहत 14 सुरंगे भी बनाए जाने हैं।  कटिहार-गुवाहाटी रेलखंड से यह जुड़ जाएगा।

सिक्किम वर्तमान में भारतीय रेल के नक्शे से बाहर है। 2008-09 में सिक्किम को रेल से जोडऩे के लिए परियोजना तैयार की गई थी। लेकिन प्रस्तावित रेलवे लाइन के महानंदी वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी से गुजरने के कारण विभिन्न पर्यावरण संबंधी कारणों से कार्य को ज्यादा गति नहीं मिली।

यह बहुद्देश्यीयराष्ट्रीय परियोजना सिक्किम व नॉर्थ ईस्ट के सर्वांगीण विकास के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है। इस परियोजना में 41.55 किमी पश्चिम बंगाल में व 3.41 किमी में रेल लाइन बिछाए जाएंगे।

नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी शुभानन चंद्रा ने बताया कि 8,900 करोड़ की अनुमानित बजट वाले इस परियोजना में अब तक 335.52 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। 2020-21 के लिए 607 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी (इरकॉन) के द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस अनुभाग में 14 सुरंगें, 13 पुल व पांच स्टेशन बनाए जाएंगे। जिनमें सेवक, रियांग, तीस्ता बाजार, मेल्ली व रंगपो स्टेशन शामिल है।

उन्होंने बताया कि नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर निर्माण कार्य चल रहा है। इस रेलखंड पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी। इस संपूर्ण परियोजना में 38,555 मीटर सुरंग का कार्य किया जाएगा। हालांकि, कठिन क्षेत्र व दीर्घाकालीन मानसून के मौसम के कारण कार्य में प्राय: ही दिक्कतें आ रही है। इसके अलावा कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों के कारण भी तीन महीने कार्य प्रभावित हुआ। इसे दिसंबर 2022 तक पूर्ण किया जाना है।

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