पर्यावरण के प्रहरी बने क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक 'कृष्ण', महोगनी के 350 पौधे लगाए

बदलती लाइफ स्टाइल और बढ़ती जनसंख्या ने पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ दिया है। पेड़-पौधे हमारे जीवन का आधार हैं। इसके बिना धरती पर सजीव प्राणी की कल्पना नहीं हो सकती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Thu, 29 Nov 2018 03:03 PM (IST) Updated:Thu, 29 Nov 2018 03:03 PM (IST)
पर्यावरण के प्रहरी बने क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक 'कृष्ण', महोगनी के 350 पौधे लगाए
पर्यावरण के प्रहरी बने क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक 'कृष्ण', महोगनी के 350 पौधे लगाए

भागलपुर (अमरेन्द्र कुमार तिवारी)। जिंदगी में अच्छी सोच और काम करने का जज्बा आम लोगों को भी खास बना सकता है। शहर में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपने काम के कारण खास बन जाते हैं। ऐसे में एक नाम क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (आरडीडीई) कृष्ण कुमार शर्मा का भी है। ये प्रमंडलीय शिक्षा क्षेत्र में पर्यावरण सुरक्षा के लिए पौधरोपण अभियान को चला कर प्रहरी बने हुए हैं। 28 जून 2017 को भागलपुर प्रमंडल में पदस्थापित हुए आरडीडीई ने पर्यावरण सुरक्षा के लिए पौधरोपण का संकल्प लिया।

फिर क्या था शहर के लाजपत पार्क के सामने स्थित सरकारी आवास एवं कार्यालय परिसर में 350 महोगनी (इमारती लकड़ी) के पौध लगा डाले। अब सुबह-शाम इन पौधों की देखभाल करना इनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है। पर्यावरण के प्रति बढ़ा इनका प्रेम धीरे-धीरे योजनाओं का रूप लेता गया। जो भी शिक्षक व कर्मी उनके दफ्तर में काम कराने आते थे, उन्हें वे अपने द्वारा लगाए पौध को दिखाते थे। फिर जीवन में एक पौध लगाने एवं उसकी रखवाली करने का संकल्प कराने लगे। इस अभियान को विस्तार देने के लिए उन्होंने एक हजार से भी अधिक शिक्षकों से बात की।

बांका-भागलपुर में कई बार प्रखंड शिक्षा अधिकारियों के अलावा बीआरपी एवं सीआरसी कर्मियों के साथ बैठक की और स्कूलों को हरा भरा बनाने के लिए पृथ्वी दिवस पर पौधरोपण अभियान चलाने का संकल्प लिया। खुद आरडीडीई मोक्षदा विद्यालय सहित उक्त दोनों जिलों के दर्जन भर स्कूल गए और बच्चों के साथ पौधरोपण कर पर्यावरण सुरक्षा के प्रति उत्साह बढ़ाया। मौके पर उन्होंने बच्चों को लगाए गए पौध की देखभाल करने को भी कहा। बहरहाल सभी स्कूलों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उन्हें 25 हजार पौध लगवाने में बड़ी सफलता प्राप्त हुई है।

उनका मानना है कि बदलती लाइफ स्टाइल और बढ़ती जनसंख्या ने पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ दिया है। पेड़-पौधे हमारे जीवन का आधार हैं। इसके बिना धरती पर सजीव प्राणी की कल्पना नहीं हो सकती है। हम संतुलन को बिगाड़े हैं तो हमें ही सुधारना होगा। बहरहाल वे जिन विद्यालयों में चारदिवारी नहीं है वहां के शिक्षक एवं विद्यार्थियों को एक-एक पौध घर में लगाने एवं उसकी सुरक्षा करने का पाठ पढ़ा रहे हैं।

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