खुफिया रिपोर्ट : श्रावणी मेले में वीआइपी नेताओं को अगवा करने की माओवादी तैयारी

खुफिया सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ के शीर्ष कमांडरों ने गिरीडीह के जंगल में प्रवास कर रहे शीर्ष नक्सलियों को श्रावणी मेले में शामिल होने वाले नेताओं को अगवा करने का संदेशा भेजा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Tue, 11 Jun 2019 11:02 AM (IST) Updated:Tue, 11 Jun 2019 11:02 AM (IST)
खुफिया रिपोर्ट : श्रावणी मेले में वीआइपी नेताओं को अगवा करने की माओवादी तैयारी
खुफिया रिपोर्ट : श्रावणी मेले में वीआइपी नेताओं को अगवा करने की माओवादी तैयारी

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। 17 जुलाई से शुरू होने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में इस बार माओवादी महत्वपूर्ण नेताओं को अगवा करने की काली योजना पर काम कर रहे हैं। इसके लिए बिहार-झारखंड के गुरिल्ला जोन की मुहिम में लगे नक्सली कमांडरों को छत्तीसगढ़ के शीर्ष नक्सली नेताओं का संदेशा मिलने की बात कही जा रही है। तकनीकी निगरानी में खुफिया महकमे को नक्सलियों की इस मंशा की भनक मिली है। खुफिया महकमे ने इसको लेकर सतर्कता बरतते हुए इस संबंध में सभी जरूरी कदम उठाना शुरू कर दिया गया है।

खुफिया सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ के शीर्ष कमांडरों ने गिरीडीह के जंगल में प्रवास कर रहे शीर्ष नक्सलियों को श्रावणी मेले में शामिल होने वाले नेताओं को अगवा करने का संदेशा भेजा है। गिरीडीह के जंगल से जमुई के चरका पत्थल जंगल में डेरा डाल चुके पार्टी दस्ते से बांका-भागलपुर-मुंगेर सीमा से गुजरने वाले कांवरिया पथ की रेकी कराए जाने की बात सामने आ रही है। कटोरिया के पहाड़ी इलाके में नक्सलियों की हलचल भी देखे जाने की बात कही जा रही है। बताया गया है कि पार्टी दस्ता मेले में शामिल बड़े नेताओं खासकर छत्तीसगढ़ के नेताओं को अगवा करने में नाकामयाब होने पर उन्हें निशाना भी बना सकते हैं। इसकी आ सूचना पर अभी से एहतियाती तौर पर सतर्कता बरती जाने लगी है। नक्सलियों के किसी भी हलचल या कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अद्र्ध सैनिक बलों की टुकडिय़ां अभियान चला रही है। उनके किसी भी इरादे को नाकाम करने के लिए अद्र्ध सैनिक बलों और स्थानीय पुलिस बल भी पूरी तरह चौकन्ना है।

छत्तीसगढ़ के दो बड़े नेता समेत कई वीआइपी मेले में होते हैं हर साल शामिल

छत्तीसगढ़ में विधानसभा अध्यक्ष रह चुके प्रेम प्रकाश पांडेय, और मंत्री रामप्रसाद पैकरा कर साल श्रावणी मेले में कांवर लेकर पैदल सुल्तानगंज से देवघर तक की 105 किलोमीटर की यात्रा कर बाबा वैद्यनाथ को जल अर्पित करते हैं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार-झारखंड के कई मंत्री, सांसद भी कांवर लेकर पैदल सुल्तानगंज से देवघर जाते हैं। इनमें जनार्दन प्रसाद सिग्रीवाल, प्रेम कुमार, सांसद निशिकांत दुबे, पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव समेत कई नेता, अधिकारी भी शामिल हैं। हालांकि सुरक्षा को लेकर बिहार-झारखंड के आला अधिकारी हर साल श्रावणी मेले के पूर्व मैराथन बैठक कर समीक्षा करते हैं। कांवरिया पथ पर भी मोबाइल गश्ती, कैंप और पैदल गश्त की व्यवस्था की जाती है।

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