रमजान : जेल की बंदिशों में सौहार्द का रोजा, हिंदू कैदियों ने वतन की सलामती की मांगी दुआ
पूर्णिया केंद्रीय कारा में अन्य रोजेदार कैदियों के साथ एक हिंदू कैदी भी रोजा रखकर वतन की सलामती की दुआ मांग रहा है। जेल की बंदिशों के बीच सौहार्द की यह मिसाल वाकई काबिल-ए-तारीफ है।
पूर्णिया [शैलेश]। अभी हर कोई ऊपर वाले से यही मांग रहा है कि किसी प्रकार कोरोना का संकट दूर हो जाए। ऐसे में पूर्णिया केंद्रीय कारा में अन्य रोजेदार कैदियों के साथ एक हिंदू कैदी भी रोजा रखकर वतन की सलामती की दुआ मांग रहा है। जेल की बंदिशों के बीच सौहार्द की यह मिसाल वाकई काबिल-ए-तारीफ है।
हत्या के मामले में कारा में बंद अररिया के प्रदीप कुमार राय रोजा रखकर गंग-जमुनी तहजीब को गति देने का प्रयास कर रहे हैं। वह भी उतनी ही शिद्दत से रोजा के नियमों का पालन करते हैं, जितनी शिद्दत से मुस्लिम बंदी। सुबह में सहरी कर शाम तक वह रोजा रखते हैं और इसके बाद इफ्तार करते हैं। प्रदीप नमाज भी पढ़ रहे हैं। कारा के अन्य मुस्लिम बंदी उनका सहयोग करते हैं। केंद्रीय कारा में अभी 1400 बंदी हैं। इनमें से 280 मुस्लिम बंदियों ने रोजा रखा हुआ है। जेल प्रशासन रोजा के दौरान बंदियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखता है। इनके लिए सुबह में सहरी और शाम में इफ्तार की व्यवस्था की गई है। इस काम के लिए जेल में अलग रसोई है। जेल प्रशासन की ओर से रोजा रखने वाले कैदियों को फ्राई चूरा, चने की घुघनी, पकौड़े, दूध एवं फल दिए जा रहे हैं। अधिकांश कैदी रोटी, सब्जी, फल और दूध के साथ चाय लेते हैं।
कारा में बंद मुस्लिम रोजेदार के साथ एक हिंदू बंदी भी रोजा रख रहा हैै। रोजा रखने वाले बंदियों के लिए जेल प्रशासन की ओर से सहरी और इफ्तार की सुविधा दी जा रही है। - जितेंद्र कुमार, केंद्रीय कारा अधीक्षक, पूर्णिया