सहरसा: पैक्‍सों और व्‍यापार मंडलों में कागजों पर बेचे जा रहे धान, मामला जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

सहरसा में कागजों पर ही धान बेचे जा रहे हैं। पैक्‍सों और व्‍यापार मंडलों के माध्‍यम से ऐसे किसानों से धान की खरीदारी हो रही है जिनका फसल बाढ़ में तबाह हो गया है। ऐसे में कई तरह के सवाल...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 27 Jan 2022 06:32 AM (IST) Updated:Thu, 27 Jan 2022 06:32 AM (IST)
सहरसा: पैक्‍सों और व्‍यापार मंडलों में कागजों पर बेचे जा रहे धान, मामला जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
सहरसा में कागजों पर ही धान बेचे जा रहे हैं।

सहरसा [कुंदन]। जिले में फसल क्षतिपूर्ति की राशि लेने वाले किसान भी पैक्स में धान बेच रहे हैं। ऐसा मामला सामने आ रहा है। पिता के नाम से अलग व पुत्र से नाम से अलग फसल क्षतिपूर्ति का दावा किया गया है।। हद यह कि इनलोगों द्वारा पैक्स में धान भी बेचा गया। मामला महिषी प्रखंड के वीरगांव पंचायत का है। इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी व जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा जांच का आदेश दिया गया है।

अतिवृष्टि से बर्बाद हुई सात हेक्टेयर भूमि में लगी फसल

जिले में लगभग 85 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है। इसमें वर्ष 2021 में 67 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की गयी। मौसम अनुकूल दिख रहा था लेकिन मई के महीने से ही सूबे के अन्य जिलों की तरह यहां बारिश शुरू हो गयी। अतिवृष्टि के कारण जिले में धान की फसल को व्यापक क्षति हुई। रह-रहकर होती रही बारिश के कारण धान की फसल खेत में ही खराब हो गयी। किसानों के आंदोलन के बाद फसल क्षति के लिए सर्वे शुरू किया गया। विभाग ने सात हजार हेक्टेयर भूमि में धान के बर्बादी की रिपोर्ट सरकार को भेजी।

बाढ़ में बर्बाद हुई 38 हजार हेक्टेयर भूमि पर लगी फसल

बारिश से जिन किसानों की धान बच गयी थी उसकी बर्बादी बाढ़ ने कर दी। इस बार आयी बाढ़ ने तटबंध के अंदर व बाहर दोनों तरफ अपना कहर मचाया। तटबंध के बाहर सीपेज के जमा पानी में फसल डूबी रह गयी। इससे फसल बर्बाद हो गयी। बाढ़ में फसल के बर्बादी का कृषि विभाग द्वारा कराए गये सर्वे में 38 हजार 581 हेक्टेयर में लगी फसल के नुकसान की रिपोर्ट की गयी।

फसल क्षति के लिए आनलाइन व पैक्स को बेचा धान

महिषी प्रखंड के वीरगांव पैक्स में लगभग एक दर्जन ऐसे किसान हैं जिन्होंने फसल क्षति के लिए दावा किया और कृषि सलाहकार ने फसल क्षति की रिपोर्ट बनाकर विभाग को सौंप दी। हद यह कि ऐसे किसानों ने पैक्स में भी अपनी धान बेच दी।

कहते हैं डीसीओ

डीसीओ शिवशंकर कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। मामले की जांच करायी जा रही है। पैक्स अध्यक्ष की भूमिका की भी जांच हो रही है।

कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी

जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद ङ्क्षसह ने बताया कि फसल क्षति के आवेदन देकर पैक्स में धान बेचने वाले किसानों की जांच करायी जा रही है। यदि जांच में गड़बड़ी आती है तो विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। 

chat bot
आपका साथी