अब आनलाइन परीक्षा में नकल करना होगा मुश्किल, ट्रिपल आइटी का नया साफ्टवेयर

Triple IT नकल रोकने के लिए ट्रिपल आइटी का नया साफ्टवेयर। आनलाइन परीक्षा बनी थी संस्थान के लिए चुनौती। अब नकल करने के लिए नहीं मिलेगा समय। ट्रिपल आइटी भागलपुर कोरोना संक्रमण के कारण आनलाइन पढ़ाई करा रहा है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 11:57 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 11:57 PM (IST)
अब आनलाइन परीक्षा में नकल करना होगा मुश्किल, ट्रिपल आइटी का नया साफ्टवेयर
ट्रिपल आइटी का नया साफ्टवेयर बन कर तैयार हो गया है।

बलराम मिश्र, भागलपुर। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आइटी), भागलपुर कोरोना संक्रमण के कारण आनलाइन पढ़ाई करा रहा है। एकेडमिक गुणवत्ता के आकलन के लिए परीक्षा भी एक चुनौती थी। इसे लेकर ही ट्रिपल आइटी ने आनलानइन परीक्षा की व्यवस्था शुरू कर दी, जिससे सत्र में विलंब ना हो।

संस्थान के सामने सबसे बड़ी चुनौती नकल रोकने की थी। आनलाइन परीक्षा में छात्र आसानी से गूगल या अन्य सामग्री की मदद से नकल कर सकते थे। ट्रिपल आइटी की फैकल्टी टीम ने ऐसी व्यवस्था बनाई जिससे छात्रों को नकल रोकने का समय ही नहीं मिलता। अपने नए साफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू किया। इसमें टाइमिंग सुनिश्चित कर नकल रोकने की कोशिश की गई है।

कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) के फैकल्टी इंचार्ज डा. धीरज कुमार सिन्हा ने कहा कि संस्थान छात्रों की परीक्षा वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के सहारे लेता है। इसमें छात्र लागिन कर परीक्षा में शामिल होते हैं। इसके सहारे ही प्रायोगिक की परीक्षाएं भी आनलाइन आयोजित हो रही हैं। मिड सेमेस्टर की परीक्षा में 30 अंकों के सब्जेक्टिव व 20 अं कों के आब्जेक्टिव के होते हैं। 20 अंकों की इंटरनल परीक्षा और तीस अंकों की परीक्षा अंतिम सेमेस्टर में होती है। इस तीस अंक में 20 अंक सब्जेक्टिव तो 10 अंक आब्जेक्टिव का होता है।

आब्जेक्टिव प्रश्नों के लिए मिलता तय समय

साफ्टवेयर की मदद से छात्रों को एक प्रश्न हल करने के लिए 20 मिनट का समय मिलता है। 20 मिनट पूरा होते ही अपलोड करने के लिए पांच मिनट तय किए गए हैं। यदि इस बीच प्रश्नों का उत्तर देकर अपलोड नहीं किया जाएगा तो प्रश्न अपलोड नहीं होगा। आब्जेक्टिव प्रश्नों के लिए एक मिनट में एक प्रश्नों का उत्तर देना है।

अलग-अलग तरीके से सेट होते हैं आब्जेक्टिव के प्रश्न

ट्रिपल आइटी परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों को भी अलग-अलग तरीके से सेट करती है। आब्जेक्टिव प्रश्नों में उत्तर के आप्शन अलग-अलग होते हैं। यही नहीं छात्रों को अलग-अलग गु्रप के प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे छात्रों के सामने असमंजस की स्थिति रहती है। ऐसे में उन्हें कदाचार का समय नहीं मिल पाता। इन उत्तरों को भी अपलोड करने के लिए समय निर्धारित है।

chat bot
आपका साथी