मंदार महोत्सव पर लग सकता है ग्रहण, महीने भर से भी कम रह गया है समय पर मैदान में अब भी छाई है विरानगी, जानिए क्या है मामला

इस बार मंदार महोत्सव के आयोजन पर ग्रहण लग सकता है। दरअसल हर साल इस समय तक प्रदर्शनी के लिए मैदान तैयार रहता है लेकिन इस साल अब तक कोई पहल नहीं की जा रही है। इससे स्थानीय लोगों में मायूसी है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 19 Dec 2020 10:52 AM (IST) Updated:Sat, 19 Dec 2020 10:52 AM (IST)
मंदार महोत्सव पर लग सकता है ग्रहण, महीने भर से भी कम रह गया है समय पर मैदान में अब भी छाई है विरानगी, जानिए क्या है मामला
इस बार मंदार महोत्सव के आयोजन पर ग्रहण लग सकता है।

संस, बौंसी (बांका)। बौंसी मेला सह मंदार महोत्सव की तैयारी जमीनी स्तर पर शुरू नहीं होने से स्थानीय लोगों में नाराजगी का माहौल है। मेला में एक महीने से भी कम समय बचा हुआ है। ऐसी स्थिति में प्रशासनिक तैयारी नगण्य रहने के कारण लोगों में मेला को लेकर संशय बनी हुई है। मुनेश्वर कृषि उद्योग प्रदर्शनी में अक्टूबर माह से ही तैयारी शुरू हो जाती थी, पर इस बार कृषि प्रदर्शनी में अब तक तैयारी शुरू भी नहीं हुई है। इससे स्‍थानी लोगों में मायूसी है। लोगों ने बताया कि पिछले साल इस समय तक तैयारी लगभग पूरी हो गई थी। 

जिला कृषि पदाधिकारी ने मैदान का लिया था जायजा

गत मंगलवार को जिला कृषि पदाधिकारी ने कृषि प्रदर्शनी का जायजा लिया था। लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई तैयारी शुरू नहीं हुई है। जिला प्रशासन को भी 17 दिसंबर को होने वाली बैठक टल गई है । इसके अलावा मेला की सैरात को भी 24 दिसंबर से बढ़ाकर चार जनवरी कर दी गई है। पूर्व में मेले में जहां दिसंबर शुरुआत होते ही बिहार सहित अन्य राज्यों से व्यवसायी अपने दुकान का सामान लेकर मेला मैदान पहुंचने लगते थे। और अपनी दुकान लगाने की तैयारी की शुरुआत कर देते थे।

हर साल 15 दिसंबर तक सज जाती हैं दुकानें

15 दिसंबर तक मेला मैदान में बाहर से आए दर्जनों दुकान लग जाती थी। लेकिन इस वर्ष मेले के सैरात नहीं होने से मेला मैदान विरान पड़ा हुआ है। हर तरफ गंदगी का अंबार है। लोगों में उत्सुकता बनी हुई है कि आखिर प्रशासन द्वारा ऐतिहासिक मेले पर जमीनी तैयारी क्यों नहीं शुरू की गई है। इधर, प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि मेले का आयोजन होगा। लेकिन इस बार मेला का रूप रंग अलग होगा। मेले का आयोजन सामान ढंग से किया जाएगा। दरअसल, कोरोना संक्रमण को लेकर इस बार मेला का स्वरूप बदला-बदला नजर आ सकता है।

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