Karma Dharma 2020 : भाई-बहन के पवित्र प्रेम और समर्पण का है यह पर्व, 29 अगस्‍त को मनाया जाएगा

Karma Dharma 2020 त्यौहार में भाई भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और बहनों की सुरक्षा के प्रति अपना समर्पण भी प्रदर्शित करते हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Thu, 27 Aug 2020 08:49 AM (IST) Updated:Thu, 27 Aug 2020 08:49 AM (IST)
Karma Dharma 2020 :  भाई-बहन के पवित्र प्रेम और समर्पण का है यह पर्व, 29 अगस्‍त को मनाया जाएगा
Karma Dharma 2020 : भाई-बहन के पवित्र प्रेम और समर्पण का है यह पर्व, 29 अगस्‍त को मनाया जाएगा

भागलपुर, जेएनएन। संस्कृति और परंपरा का लोक पर्व कर्मा-धर्मा का त्यौहार बहने अपनी भाई की सुख समृद्धि की कामना को लेकर 29 अगस्त को करेएंगी। यह त्यौहार हर वर्ष भाद्र मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। जो इस वर्ष 29 अगस्त को पड़ रहा है। भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए बहने अपने घर के बाहर तालाब बनाती हैं। उसे अच्छी तरह फल-फूल से प्राकृतिक सौंदर्य देने के लिए सजती हैं। इसके उपरांत संध्या में नए नए परिधानों में सज धज कर देवाधिदेव महादेव माता पार्वती और प्रथम पूजनीय सिद्धिविनायक की पूजा अर्चना करती हैं। इसके बाद तालाब के चारों ओर घूम घूम कर कर्मा धर्मा का गीत गाती हैं।

पावन मौके पर व्रतियों को कर्मा धर्मा की कथा भी सुनाई जाती है। इस लोक पर्व में कुमारी कन्या व महिलाएं और बच्चे भी उत्साह पूर्वक भाग लेते हैं। इस त्योहार को प्रकृति पर्व भी कहा जाता है। लोग इस पर्व के माध्यम से अच्छी पैदावार की भी कामना करते हैं। इस त्योहार में भाई भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और बहनों की सुरक्षा के प्रति अपना समर्पण भी प्रदर्शित करते हैं। पूजा स्थल पर बने तालाब को भाई अपने बहन का हाथ पकड़ कर उसे पार कराने की भी परंपरा है। इस लोक पर्व का इंतजार लोग वर्ष भर करते हैं और काफी उत्साह के साथ संस्कृति की इस लोक परंपरा का निर्वहन करते हैं। कर्मा धर्मा की तैयारी बहने सात दिन पूर्व से ही करना शुरु कर देती है।

गांव में उत्साह चरम पर

पारंपरिक लोक पर्व करमा धरमा को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में युवतियों का उत्साह चरम पर है। टोलियां बनाकर गांव की कन्याएं नृत्य संगीत की पूर्वाभ्यास कर रही हैं। इस क्रम में कन्याओं की बड़ी बहन और गांव की बुजुर्ग महिलाएं भी उन्हें मदद करने में लगी। इस त्यौहार को पूरे उत्साह के साथ और पारंपरिक तरीके से मनाने को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। सबौर के  लैलख, बाबूपुर,  नाथनगर और सनहौला आदि गांवों में अभी से ही कर्मा धर्मा की पूजा के लिए युवा युवतियों ने तालाब की खुदाई और उसकी रंगाई पुताई शुरू कर दी है। संध्या में व्रती यह त्यौहार विधि विधान के साथ काफी उत्साह से मनाती है।देर रात तक नृत्य संगीत का भी आयोजन होता है। बड़े बूढ़े और बच्चों की सहभागिता से काफी मनोरंजक और आनंददायक हो जाता है।

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