Impact of floods in Seemanchal: बकरा के कटान से त्रस्त पोखरिया के ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
जिला प्रशासन के नाकामी के विरुद्ध पोखरिया के ग्रामीणों ने विरोध जताया। बकरा नदी से हो रहे कटान को जल्द रोकने तथा मुआवजा देने की लोग मांग कर रहे थे। आधा दर्जन गांवों के दर्जनों परिवार बकरा नदी के गर्भ में समाए विस्थापितों की ङ्क्षजदगी जीने को मजबूर
अररिया, जेएनएन। बकरा नदी के कटान से त्रस्त व विभिन्न समस्याओं को लेकर बहंगी व बांडोव के ग्रामीणों व पीडि़तों ने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ शनिवार को जमकर प्रदर्शन किया। अररिया प्रखंड के पोखरिया पंचायत वार्ड संख्या आठ, नौ सहित अन्य वार्ड के पीडि़तों ने बकरा नदी के तेज धार से हो रहे कटान स्थल महादलित टोला बहंगी पहुंचकर ना केवल सरकार व प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन किया बल्कि जल्द हो रहे कटान को रोकने की पहल नहीं किए जाने पर आंदोलन की धमकी दी।
पंचायत के वर्तमान मुखिया अदरनाथ ङ्क्षसह के नेतृत्व में आधा दर्जन वार्ड सदस्य व पंच सहित दर्जनों पीडि़त परिवारों ने जिला प्रशासन सहित विधायक, सांसद पर तीखी आलोचना करते हुए बताया कि बकरा नदी के मुहाने पर बसे अररिया प्रखंड के पोखरिया पंचायत के बांडोव, बहंगी, फरासुत, मझुआ, आदि गांवों में दर्जनों महादलित व अन्य परिवारों के घर बकरा नदी के तेज कटाव में समा चुकी है। साथ हीं पंचायत के दर्जनों किसानों के खेतों में लगी सैकड़ों एकड़ धान की फसल बाढ़ से बर्बाद हो चुकी है। बावजूद इसके प्रशासन अबतक हो रहे कटान व फसलों का जायजा लेने नहीं पहुंचा। मुखिया व ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि विभाग को कई बार सामूहिक रूप से कहने तथा लिखित शिकायत देने के बाद भी इस दिशा में अबतक कोई पहल नहीं की गई है। सिर्फ आश्वासन देकर समय को लंबित करने की बात बताई गई। जबकि सड़क पुल, पुलिया सहित अन्य समस्याओं से जूझ रहे यहां के लोग पूर्णतया त्रस्त हो गया है। इन्हीं तमाम मुद्दों से आजिज पोखरिया पंचायत के लोगों ने शनिवार को बहंगी गांव के समीप बकरा नदी के किनारे कटान स्थल पर प्रदर्शन करने पर मजबूर हुआ।
बाढ़ के बीच कई दिनों तक भूखे रहे पीडि़त अब तक नहीं मिला मुआवजा
यहां समस्याओं का अंबार है। लाखों की लागत से बनाए गए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क सहित दर्जनों गरीब परिवार के आशियाने कटान की जद में आकर नदी में समा चुकी है। दर्जनों परिवार विस्थापितों की ङ्क्षजदगी जीने को विवश है। लेकिन विभागीय लचर व्यवस्था के कारण यहां के लोगों के बीच त्राहिमाम की स्थिति बनी है। जिला प्रशासन अब तक राहत व बचाव के लिए कोई पहल नहीं की हैं। बताया गया कि इस वर्ष पांच बार भंयकर बाढ़ से तबाही मची। अतिवृष्टि के कारण बकरा नदी के कटान से प्रभावित परिवार कई दिनों तक भूखे रहे लेकिन मुआवजा तो दूर गई भोजन पानी का भी इंतजाम नहीं किया गया। इन्हीं तमाम मुद्दों से आजिज ग्रामीणों के प्रदर्शन करने पर बाध्य होना पड़ा। एकजुट ग्रामीणों ने आवाज बुलंद करते है प्रशासन को खुली तौर पर चेतावनी दी है कि जल्द उनकी समस्याओं पर पहल नही हुई तो आजिज ग्रामीण आंदोलन करने की बात कही।