ग्यारह चिकित्सकों के जिम्मे ढ़ाई लाख की आबादी का स्वास्थ्य

ढाई लाख लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए महज11 चिकित्सकों की तैनाती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Sep 2018 03:07 PM (IST) Updated:Sat, 08 Sep 2018 03:07 PM (IST)
ग्यारह चिकित्सकों के जिम्मे ढ़ाई लाख की आबादी का स्वास्थ्य
ग्यारह चिकित्सकों के जिम्मे ढ़ाई लाख की आबादी का स्वास्थ्य

किशनगंज (मोबीद हुसैन): नगर परिषद क्षेत्र की आबादी तकरीबन ढाई लाख है। इन ढाई लाख लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए महज11 चिकित्सकों की तैनाती है। सदर अस्पताल में36 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। उनमें से महज पर पदस्थापना है, लेकिन कार्यरत सिर्फ11 हैं। उनमें से भी कुछ चिकित्सक अक्सर छुट्टी पर रहते हैं। विवश होकर मरीज निजी अस्पतालों का रुख करते हैं। लिहाजा विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी का चिकित्सा व्यवस्था पर असर पड़ना स्वाभाविक है। स्वस्थ समाज से ही स्वस्थ राष्ट्र की परिकल्पना की जा सकती है। केंद्र व राज्य सरकार इस दिशा में कार्य कर भी रही है। अनेकों स्वास्थ्य संबंधित योजनाएं भी चला रही है। इसी का परिणाम है कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में जिले में स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं पहले से बेहतर हुई है। लेकिन चिकित्सकों की कमी बहुत खल रही है। पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों का नहीं होना आज के दौर में किसी अभिशाप से कम नहीं है। यही वजह है कि निजी नर्सिंग व क्लीनिकों में मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। सदर अस्पताल में प्रतिदिन एक या दो चिकित्सक तैनात रहते हैं जो लगभग पांच सौ से अधिक मरीजों की स्वास्थ्य जांच करते हैं। चिकित्सकों की कमी के कारण ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें लगी रहती है। पुरूष वार्ड में भर्ती मरीज अजय पासवान बताते हैं कि वे छह दिनों से भर्ती हैं लेकिन एक बार भी चिकित्सक जांच करने नहीं आए। वहीं अफरोज आलम की मां बताती है कि सड़क दुर्घटना में घायल उनका बेटा रविवार से भर्ती है लेकिन एक भी चिकित्सक जांच करने नहीं आया। यही हाल महिला वार्ड का भी है। महिला वार्ड में भर्ती राधा कुमारी ने कहा कि चिकित्सक रूटीन जांच के लिए नहीं आते हैं। सिर्फ एनएम जांच के लिए आती हैं। चिकित्सक को बुलाने पर ही आते है। वह भी सिर्फ मरीज को देखे बिना एनएम कक्ष से कागजात को देख कर उसमें कुछ दवाइयां लिख कर चले जाते हैं।

---

शहर ही नहीं जिले में यथावत है यह यह समस्या -

पूरे जिले में सात प्राथमिक स्वास्थ केंद्र, 11 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो रेफरल अस्पताल व एक सदर अस्पताल है। इन सभी अस्पतालों में नियमित एवं अनुबंध पर कुल 150 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। इन 150 स्वीकृत पद में 83 पद रिक्त है। पदस्थापित 68 हैं लेकिन कार्यरत महज 45 हैं। पांच चिकित्सक अध्ययन के लिए अवकाश पर हैं। 13 अनाधिकृत रूप से अवकाश पर हैं। जिले में कुल पांच महिला चिकित्सक पदस्थापित हैं। लगभग 18 लाख की आबादी वाले जिले में 40 हजार की जनसंख्या पर एक चिकित्सक की व्यवस्था है। वहीं महिलाओं की आबादी लगभग 8 लाख 70 हजार है जिनके लिए पांच महिला चिकित्सक हैं। यानी 1 लाख 74 हजार महिलाओं पर एक चिकित्सक पदस्थापित है।

कोट :-

चिकित्सकों की कमी के कारण यह परेशानी हो रही है। सरकार भी इस मामले को लेकर गंभीर है। जल्द ही रिक्त पद भरे जाएंगे। बिना बताए अवकाश पर गए चिकित्सकों के विरुद्ध विभाग को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है।

- डॉ. परशुराम प्रसाद, सिविल सर्जन, किशनगंज।

chat bot
आपका साथी