कोरोना ने रोकी राह, इस साल सैर-सपाटे के लिए योगनगरी नहीं पहुंच रहे विदेशी मेहमान

कोरोना से इस बार मुंगेर का पर्यटन उद़योग पूरी तरह से प्रभावित है। यहां पर इस साल विदेशी मेहमान नहीं पहुंच रहे हैं। जबकि हर साल इस समय में बड़ी संख्‍या में विदेशी मेहमान आया करते थे।विदेशी मेहमानों को लेकर बंगाल से शिप गंगा के रास्ते मुंगेर पहुंचती थी।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 02:28 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 02:28 PM (IST)
कोरोना ने रोकी राह, इस साल सैर-सपाटे के लिए योगनगरी नहीं पहुंच रहे विदेशी मेहमान
योगनगरी मुंगेर का ऋषि कुंड, यहां बड़ी संख्‍या में आते हैं पर्यटक। फोटो-गूगल।

मुंगेर, जेएनएन। कोरोना ने योगनगरी मुंगेर आने वाले विदेशी मेहमानों की राह भी रोक दी। पहले प्रत्येक वर्ष कम से एक हजार विदेशी मेहमान मुंगेर पहुंचते थे। विदेशी मेहमान बिहार योग विद्यालय, सीताकुंड, पीर पहाड़ आदि स्थलों का भ्रमण करते थे। विदेशी मेहमानों को लेकर बंगाल से शिप गंगा के रास्ते मुंगेर पहुंचती थी। बिहार राज्य पर्यटन निगम के सौजन्य से प्रत्येक वर्ष पांच से छह शिप बंगाल से मुंगेर आता था।

लेकिन, कोरोना संकट ने सबकुछ बदल दिया। इस वर्ष अभी तक विदेशी मेहमानों की टोली नहीं पहुंची है। हालांकि, लोग निराशा नहीं है। नागरिक मंच के उपाध्यक्ष प्रो. सुधीर ङ्क्षसह ने कहा कि कोरोना संकट टलने के बाद मुंगेर फिर से विदेशी मेहमानों से गुलजार होगा। विदेशी मेहमान आते थे, तो कई सेक्टर से जुड़े लोगों को दो चार पैसे की आमदनी हो जाती थी। बबुआ गंगा घाट पर रिक्शा वालों की लंबी कतार लगी रहती थी। रिक्शा पर बैठ कर ही विदेशी मेहमान विभिन्न जगहों का भ्रमण करते थे। वहीं, बाजार से छोटे-मोटे समान की खरीदारी करते थे। मिठाई और फलों की भी बिक्री होती थी। अर्थशास्त्री प्रो. प्रकाश ने कहा कि मुंगेर में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। विदेशी मेहमानों के आने के बाद मुंगेर के पर्यटक स्थलों की बेहतर ब्रांङ्क्षडग भी होती है। कोरोना संकट के बाद मुंगेर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजनावद्ध तरीके से काम किए जाने की आवश्यकता है। पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं।

मुंगेर में मिला था कोरोना का पहला मरीज

बिहार में कोरोना का पहला मरीज मुंगेर में ही मिला था। कतर से आए एक युवक की इलाज के दौरान पटना में मौत हो गई। बाद में जांच रिपोर्ट सामने आई, तो पता चला कि युवक कोरोना संक्रमित था। मृतक युवक के चेन में मुंगेर, पटना और गया में कोरोना के मरीज मिले। खैर, जिला में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर अंकुश लगा है, लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। जिला में अब तक दो लाख 18 हजार 219 लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। जिला में कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या 3752 हो गई है। हालांकि, जिला में 3645 लोग कोरोना को मात देने में सफल रहे हैं। जिला में कोरोना के कारण अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कोरोना के 62 एक्टिव केस अब भी मौजूद हैं। यही कारण है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार शारीरिक दूरी का अनुपालन करने और मास्क का इस्तेमाल करने की अपील जारी की जा रही है।

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