मुंगेर में बाढ़: हुजूर! बाढ़ पीडि़तों को नहीं मिला प्लास्टिक

मुंगेर में डीएम ने जनता दरबार में 35 फरियादियों की शिकायतों को सुने। इसके बाद डीएम संबंधित विभाग को फोन पर निर्देश देते दिखे। सुबह 10 बजे से ही काफी संख्या में फरियादी यहां आए हुए थे। इस दौरान बाढ़ राहत मामले को लेकर कई शिकायतें मिली।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 26 Aug 2021 05:56 PM (IST) Updated:Thu, 26 Aug 2021 05:56 PM (IST)
मुंगेर में बाढ़: हुजूर! बाढ़ पीडि़तों को नहीं मिला प्लास्टिक
मुंगेर में तीन दर्जन के लगभग फरियादी पहुंचे डीएम के जनता दरबार में।

संवाद सूत्र, मुंगेर। जिलाधिकारी नवीन कुमार ने गुरुवार को जनता दरबार में 35 फरियादियों की शिकायतों को सुना। सभी की फरियाद सुनने के बाद डीएम संबंधित विभाग को फोन पर निर्देश देते दिखे। जनता दरबार में सुबह 10 बजे से ही फरियादियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। जनता दरबार में पहुंचे फरियादी कार्रवाई को लेकर पूरी तरह आश्वस्त दिखे। फरियादियों में जिप सदस्य संजय कुमार ङ्क्षसह ने कहा सदर प्रखंड के कुतलूपुर, जाफरनगर, टीकारामपुर पंचायत में बाढ़ पीडि़तो के बीच सुखा राशन का वितरण हुआ, लेकिन आज तक उन लोगों के बीच प्लास्टिक वितरण नही किया गया। कई पीडि़तों का घर फुस का था वह बाढ़ में बह गया है। अब वह लोग खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं। उन्होंने बाढ़ पीडि़तो के बीच प्लास्टिक और सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता राशि बाढ़ पीडि़तो के खाते में भेजा जाए। इस मौके पर डीडीसी संजय कुमार ङ्क्षसह, अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी बैजंती, जनसंपर्क पदाधिकारी दिनेश कुमार थे।

मकससपुर की राधा देवी ने कहा पति अशोक शाह 22 अप्रैल 2021 को कोरोना पाजिटिव होने के बाद इलाज के लिए पहले सदर अस्पताल ले जाया गया, बाद में बेहतर इलाज के लिए मुुंगेर के नेशनल हास्पीटल में रेफर कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई। आपदा के तहत मिलने वाली दिलवाने का आवेदन दिया।

जमालपुर खलासी मुहल्ला की विधवा फुलो देवी ने गुहार लगाते हुए कहा सर्वे कोड संख्या 5915982 है । शहरी आवास योजना के तहत 14 सितबर को कार्य का आदेश प्राप्त हुआ तो हमने मकान तोड़वा कर निर्माण शुरू किया। खुदाई के बाद पहली किश्त पांच हजार मिली, सात फीट उपर लिंटर तक का काम पूरा हो गया है। दूसरे किश्त की राशि के लिए जीओ टैगेड को खींच लिया। दूसरी किस्त की राशि एक लाख हमारे खाता में आना था जो आज तक नहीं भेजा गया।

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