अदालत में सिक्रय हैं फर्जी अभियुक्त और गवाह बनकर जमानत कराने वाला गिरोह, जानिए... कैसे करता है यह काम Bhagalpur News

एसएसपी ने कहा कि इस मामले में कई और लोग शामिल हैं। इसके लिए जिला जज को भी पत्राचार कर मामले की जांच का अनुरोध किया जाएगा।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sun, 15 Sep 2019 02:51 PM (IST) Updated:Sun, 15 Sep 2019 02:51 PM (IST)
अदालत में सिक्रय हैं फर्जी अभियुक्त और गवाह बनकर जमानत कराने वाला गिरोह, जानिए... कैसे करता है यह काम Bhagalpur News
अदालत में सिक्रय हैं फर्जी अभियुक्त और गवाह बनकर जमानत कराने वाला गिरोह, जानिए... कैसे करता है यह काम Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। आपराधिक मामलों में असल अभियुक्त की जगह फर्जी अभियुक्त व गवाह बनकर आरोपितों का जमानत कराने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह में शामिल सबौर के हरिजन टोला निवासी पप्पू दास को बुधवार को गिरफ्तार किया है। पप्पू ने दर्जनों मामलों में अभियुक्त व गवाह बनकर अभियुक्तों को लाभ पहुंचाने में अपनी संलिप्तता कबूली है। यह जानकारी एसएसपी आशीष भारती ने प्रेसवार्ता के दौरान दी।

इकबाल अहमद के नाम से लंबित पड़ा था कुर्की आवेदन

इस मामले में इशाकचक इंस्पेक्टर संजय कुमार सुधांशू ने अपने बयान पर मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें पप्पू दास और अधिवक्ता विजय कुमार सिंह पर नामजद व कई अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि इशाकचक थाने में एक कुर्की वारंट बरहपुरा निवासी मु. इकबाल अहमद के नाम से लंबित पड़ा हुआ था। तत्कालीन इंस्पेक्टर राम एकबाल यादव ने नाम पता का सत्यापन किया तो वह फर्जी पाया गया। मामले की जानकारी होने पर एसएसपी आशीष भारती के निर्देश पर एएसपी विनीत कुमार ने जांच शुरू की।

जमानत के लिए दिया गया था फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस

पुलिस ने जांच शुरू की। मु. इकबाल अहमद द्वारा जमानत के लिए दिए गए ड्राइविंग लाइसेंस की जांच परिवहन विभाग से कराई गई। पता चला कि वह लाइसेंस बरारी के जाने आलम वारसी के नाम से रजिस्टर्ड है। तभी पुलिस ने बरारी में जाने आलम वारसी की खोजबीन कर संपर्क किया। उन्होंने बताया कि उनका लाइसेंस चार साल पूर्व खो गया था। लेकिन उन्होंने इसकी इंट्री कहीं नहीं कराई थी। पुलिस ने जब ड्राइविंग लाइसेंस के को दिखाते हुए पूछा तो उन्होंने उस पर लगी फोटो को पहचान लिया। तत्काल उन्होंने पुलिस को बताया कि लाइसेंस पर लगी फोटो पप्पू दास की है। वह सईद मकबूल वकील साहब के यहां मुंशी का काम करता है।

अधिवक्ता के यहां मुंशी का करता था काम

तभी पुलिस जाने आलम वारसी को लेकर सईद मकबूल के बैठने की जगह पर पहुंची। वहां पप्पू दास मौजूद था। पुलिस ने उसे देखते ही दबोच लिया। पूछताछ के दौरान पुलिस ने उसे लाइसेंस दिखाया। उसने लाइसेंस पर लगे फोटो को पहचानते हुए कहा कि वह उसकी ही फोटो है। उसने पुलिस को बताया कि अधिवक्ता विजय कुमार सिंह के कहने पर फर्जी लाइसेंस बनवाया था। उन्हीं के कहने पर कहलगांव के एक मामले में इकबाल अहमद बनकर न्यायालय से जमानत लिया था।

पूछताछ में उगले कई राज

सिटी डीएसपी राजवंश सिंह ने पप्पू से पूछताछ की। डीएसपी ने जमानत के दौरान गवाह बने उर्दू बाजार निवासी राज कुमार यादव और गोराडीह, डहरपुर निवासी प्रकाश हरिजन को भी पूछताछ के लिए बुलाया। दोनों ने पप्पू को देखते ही पहचान लिया। दोनों ने कहा कि पप्पू ने ही इकबाल अहमद बनकर अभियुक्त चालक बनकर न्यायालय से जमानत लिया था। एसएसपी ने कहा कि टीम में शामिल एएसपी, सिटी डीएसपी, इशाकचक इंस्पेक्टर संजय कुमार सुधांशू, तिलकामांझी इंचार्ज मिथिलेश कुमार और बरारी इंचार्ज नवनीश कुमार को पुरस्कृत किया जाएगा।

एसएसपी ने कहा कि इस मामले में कई और लोग शामिल हैं। इसके लिए जिला जज को भी पत्राचार कर मामले की जांच का अनुरोध किया जाएगा। ताकि जिन अभियुक्तों को लाभ मिला है, उन पर कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि इस मामले से मुख्यालय को भी अवगत कराया जाएगा। एसएसपी ने कहा कि पूरे मामले की गहन जांच होगी। वहीं अब अभियुक्तों और गवाहों का पूरी तरह सत्यापन होगा। ताकि ऐसा फर्जीवाड़ा रोका जा सके।

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