विद्युत शवदाह गृह : दाह संस्कार के लिए अब नहीं होगा सौदा, मेयर व डिप्‍टी मेयर ने किया उद्घाटन

Electrical crematorium begins in Bhagalpur कोरोना वायरस रहने तक अंतिम संस्कार में नगर निगम कोई शुल्क नहीं लेगा। स्थिति सामान्य होने पर निगम व स्थायी समिति निर्धारित करेगा।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Fri, 17 Jul 2020 08:41 AM (IST) Updated:Fri, 17 Jul 2020 08:41 AM (IST)
विद्युत शवदाह गृह : दाह संस्कार के लिए अब नहीं होगा सौदा, मेयर व डिप्‍टी मेयर ने किया उद्घाटन
विद्युत शवदाह गृह : दाह संस्कार के लिए अब नहीं होगा सौदा, मेयर व डिप्‍टी मेयर ने किया उद्घाटन

भागलपुर, जेएनएन। Electrical crematorium begins in Bhagalpur : बरारी श्मशान घाट पर विद्युत शवदाह गृह की सुविधा शुरू हो गई है। अब लोगों को दाह संस्कार के लिए सौदेबाजी से निजात मिलेगा। कोरोना महामारी तक शव जलाने के लिए किसी तरह शुल्क नहीं लिया जाएगा। नगर निगम शुल्क का वहन खुद करेगा। सरकार के इस निर्णय से आम से आवाम को काफी सहुलियत मिलेगी। गुरुवार को मेयर सीमा साहा व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने 2.35 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन शवदाह गृह का नारियल फोड़कर उद्घाटन किया।

इस अवसर पर मेयर सीमा साहा ने कहा कि बरसों पुरानी मांग आज पूरी हो गई है। जनप्रतिनिधि होने के नाते जनहित में शहरवासी को समर्पित किया गया है। जब तक कोरोना वायरस का प्रकोप रहेगा, यहां दाह संस्कार की निशुल्क सुविधा मिलेगी। यहां अगर किसी से अवैध वसूली की शिकायत मिली तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्थिति सामान्य होने पर नगर निगम की बोर्ड व स्थायी समिति में न्यूनतम शुल्क निर्धारित किया जाएगा। सुविधा बेहतर मिले इसका हर संभव प्रयास होगा। वहीं डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कहा कि इससे आमजन व निम्न वर्गों पर बोझ कम पड़ेगा। श्मशान घाट पर मनमाने तरीके से आर्थिक वसूली पर भी लगाम लगेगा। जिला प्रशासन को अब पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था करनी होगी।

नहीं पहुंचे कोई भी अधिकारी

शवदाह गृह के उद्घाटन कार्यक्रम से जिला प्रशासन, नगर निगम व बुडको के अधिकारियों ने दूरी बनाए रखा। सरकार के निर्देश पर मेयर व डिप्टी मेयर ने सेवा शुरू कर दी, लेकिन यहां योजना से संबंधित किसी प्रकार के प्राक्कलन बोर्ड तक नहीं लगाए गए है। इसको लेकर मेयर ने अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की है। साथ ही निर्माण कार्य में लापरवाही का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि शवदाह गृह के बाहर पीसीसी व चारदीवारी का कार्य बाकी है। अधूरे कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए है। 20 दिन पहले निरीक्षण करने गए थे। जिसमें बुडको के कार्यपालक अभियंता नदारद थे।

आधुनिक संसाधन से लैस है शवदाह गृह

विद्युत शवदाह गृह में एक शव को जलाने में करीब 45 मिनट का समय लगेगा। एक दिन में करीब 27 शवों का फर्निश में दाह संस्कार किया जा सकता है। स्क्रबर टेक्नोलॉजी से लैस है। जो शव जलने के दौरान निकलने वाली खतरनाक गैस और बॉडी के बर्न पार्टिकल को सोख लेता। शव का डस्ट पार्टिकल पानी के टैंक में जमा होगा। जिससे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए रिप्रेंटिव संयंत्र लगाया गया है। शव जलाने के दौरान काले रंग के धुएं को सफेद रंग में बदल देता है। इसके साथ 500 डिग्री सेंटीग्रेट क्षमता वाले फर्निश में बिजली जाने के बाद भी एक शव को जलाया जा सकता है।

दाह संस्कार में होगी परेशानी

काउंटर व निबंधन की सुविधा नहीं रहने पर अंतिम संस्कार में अफरा-तफरी का माहौल होगा। एक साथ चार शवों के पहुंचने पर जलाने की परेशानी होगी। नोकझोंक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके लिए जिला प्रशासन ने नगर निगम को आवश्यक निर्देश दिए है। ताकि अंतिम संस्कार में किसी भी विषम परिस्थिति का सामना नहीं करना पड़े। कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में किसी प्रकार की परेशानी हो इसके लिए निगम प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा।

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