जिले में बढ़े ब्लैक स्पॉट, हत्या से ज्यादा दुर्घटनाओं में हो रहीं मौत Bhagalpur News

हाल के वर्षों में ब्लैक स्पॉट बढ़ गए हैं लेकिन समीक्षा नहीं होने की वजह से इस ओर पुलिस प्रशासन का ध्यान तक नहीं जा रहा है। दुर्घटनाओं पर रोक भी नहीं लग पा रही है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sun, 01 Mar 2020 07:57 AM (IST) Updated:Sun, 01 Mar 2020 07:57 AM (IST)
जिले में बढ़े ब्लैक स्पॉट, हत्या से ज्यादा दुर्घटनाओं में हो रहीं मौत Bhagalpur News
जिले में बढ़े ब्लैक स्पॉट, हत्या से ज्यादा दुर्घटनाओं में हो रहीं मौत Bhagalpur News

भागलपुर [बलराम मिश्र]। यातायात सुरक्षा को लेकर तमाम प्रयासों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पाया है। अलबत्ता इसमें बढ़ोतरी ही हो रही है। दो दिन पहले ही नारायणपुर में एनएच 31 पर दो ट्रकों की टक्कर में एक के चालक की मौत हो गई। 2016 से 19 के बीच 845 लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं। सड़क दुर्घटना रोकने लिए जिले में ब्लैक स्पॉट तो चिह्नित किए गए हैं, लेकिन पुलिस-प्रशासन की उदासीनता के चलते यह कारगर नहीं हो पा रहा है। न तो चालक वाहनों की गति नियंत्रित करते हैं न ही ब्लैक स्पॉट की जगह पुलिस बलों की तैनाती रहती है।

एक ही जगह हो रही बार बार दुर्घटना

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट के रूप में अलग अलग सड़कों व संकरे रास्तों को चिन्हित किया गया था। वहां पुलिस की तैनाती कर वाहनों की गति पर लगाम लगाने से दुर्घटनाओं में कमी भी आई थी। हाल के वर्षों में ब्लैक स्पॉट बढ़ गए हैं, लेकिन समीक्षा नहीं होने की वजह से इस ओर पुलिस प्रशासन का ध्यान तक नहीं जा रहा है। दुर्घटनाओं पर रोक भी नहीं लग पा रही है।

चार साल पहले आइजी ने की थी दुर्घटनाओं की समीक्षा

बढ़ती दुर्घटनाओं को लेकर तत्कालीन आइजी सुशील मान सिंह खोपड़े ने 2016 में जोन के सभी जिलों के एसएसपी व एसपी से ब्लैक स्पॉट को चिह्नित कर रिपोर्ट तलब की थी। जिलों से इसकी रिपोर्ट भी आइजी को गई थी। इस आधार पर उन स्थानों पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी।

सड़क दुर्घटना :

2016 में 179 मौतें

2017 में 189 मौतें

2018 में 254 मौतें

2019 में 225 मौतें

इन इलाकों में ज्यादा दुर्घटनाएं

जिले के 10 ऐसे इलाके हैं जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इनमें हबीबपुर, बरारी, जीरोमाइल, नाथनगर और सबौर के अलावा जगदीशपुर, कहलगांव, पीरपैंती, लोदीपुर, कहलगांव, सुल्तानगंज और घोघा शामिल हैं। इन इलाकों में करीब पुलिस ने करीब सौ स्थानों को चिह्नित किया है। यहां सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

बाइपास दुर्घटना का नया स्पॉट : बाइपास सड़क पर ही कई जगह ऐसे ब्लैक स्पॉट हैं, जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसमें कई लोगों की मौत चुकी है। कई गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। बाइपास से लोदीपुर की तरफ जाने वाले रास्ते और बाइपास के पास कई मोड़ नए ब्लैक स्पॉट हैं। जहां सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है।

2020 में हुई दुर्घटनाएं : 

छह जनवरी : सबौर के मसाढू पुल पर बाइक में ट्रक से ठोकर लगने से दो लोगों की मौत।

सात जनवरी : मुरारपुर बाइपास के समीप ट्रैक्टर की टक्कर से महिला बैंककर्मी की मौत।

सात जनवरी : बाइपास टोल प्लाजा के पास लोदीपुर निवासी सुमन को ट्रक ने रौंदा।

सात जनवरी : अकबरनगर चानन पुल के समीप ट्रक ने अज्ञात युवक को रौंदा।

17 फरवरी : सेंट्रल जेल के पास पिकअप की टक्कर से ठेला चालक की मौत।

18 फरवरी : जगदीशपुर में माउंट लिटरा जी स्कूल की छात्रा की दुर्घटना में मौत।

20 फरवरी : भागलपुर-दुमका मुख्य मार्ग जगदीशपुर में ट्रक की टक्कर से ऑटो चालक की मौत।

23 फरवरी : अकबरनगर खेरहिया गांव में बाइक की टक्कर से किसान की मौत।

24 फरवरी : खेरहिया के समीम मिट्टी लदे ट्रैक्टर की टक्कर से युवक की मौत।

दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी। नए ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर वहां सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे। ताकि दुर्घटनाओं में कमी आ सके। लोग हेलमेट और सीट बेल्ट जरूर लगाएं। - आशीष भारती, एसएसपी भागलपुर

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