पागल आशिक ने लड़की को दी दर्दनाक मौत, अब कोर्ट ने मुकर्रर की फांसी

भागलपुर में एक पागल आशिक ने लड़की का पहले गला काटा, फिर चाकूओं से गोदकर दर्दनाक मौत दी। अब कोर्ट ने उसे फांसी की सजा मुकर्रर की है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 24 Oct 2016 02:56 PM (IST) Updated:Mon, 24 Oct 2016 10:53 PM (IST)
पागल आशिक ने लड़की को दी दर्दनाक मौत, अब कोर्ट ने मुकर्रर की फांसी
पागल आशिक ने लड़की को दी दर्दनाक मौत, अब कोर्ट ने मुकर्रर की फांसी

पटना [जेएनएन]। इकतरफा प्रेम में पागल आशिक ने माशूका का पहले धीरे-धीरे गला रेता, फिर चाकूओं से गोदकर दर्दनाक मौत दी। इसके बाद खुद को भी चाकू मारकर आत्महत्या की कोशिश की। भागलपुर के एडीजे प्रथम जनार्दन त्रिपाठी की अदालत ने सोमवार को इस चर्चित रेशमा हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए अभियुक्त अभिषेक कुमार के लिए सजा-ए-मौत मुकर्रर की है।

यह है मामला

भागलपुर के बबरगंज थाना अंतर्गत वारसलीगंज मोहल्ले में 15 अक्टूबर 2014 की शाम कोचिंग से लौट रही आठवीं की छात्रा रेशमा की उसके पड़ोसी अभिषेक ने चाकू से गोदकर सरेआम हत्या कर दी थी। अभिषेक नाबालिग रेशमा (13 वर्ष) से इकतरफा प्यार करता था। रेशम ने जब उसके प्यार को अस्वीकार किया तो अभिषेक ने उसकी हत्या कर दी तथा खुद को भी चाकूओं से गोद डाला।

पूजा कर निकला हत्या करने

अभिषेक ने कत्ल की सुबह 100 रु. में दो चाकू खरीदे थे। कत्ल से पहले उसने घर में पूजा की, फिर तिलक लगाकर हत्या करने के इरादे से निकल पड़ा। उसने रेशमा को पीछे से पकड़कर पहले उसका गला रेता। बाद में दोनों हाथों में लिए चाकूओं से शरीर पर ताबड़तोड़ 15 गहरे घाव कर डाले।

रेशम की मां बोली, मिला संतोष

अभिषेक को फांसी की सजा मिलने के बाद रेशमा की मां सोनी देवी ने अपनी प्रतिक्रिया में संतोष व्यक्त किया। कहा कि जिसने उनकी बेटी को मारा है, उसे जीने का कोई अधिकार नहीं है। जब तक अभिषेक को फांसी नहीं होगी, न तो रेशमा की आत्मा को शांति मिलेगी, न ही उनके कलेजे को ठंडक। घटना की गवाह रेशमा की छोटी बहन सृष्टि भी कहती है, ''दीदी को तड़प कर मरते देखा है, अभिेषक को भी तड़पाइए।''

जुर्म किया है तो जरूर मिले सजा

फांसी की सजा पाए अभिषेक की मां सुशीला देवी घटना के बाद से बेघर हैं। लोगों के आक्रोश से बचने के लिए उन्हें जान बचाकर भागना पड़ा। वे भागलपुर के सिकंदरपुर पानी टंकी के पास बेटों के साथ रहती हैं। इस बाबत पूछने पर बोलीं, ''मां हूं, कैसे चाहूंगी कि बेटे को फांसी हो? पर उसने जुर्म किया है तो जरूर सजा मिलनी चाहिए।

सुशीला देची ने कहा कि जब पुत्र कुपुत्र हो तो कष्ट झेलना ही पड़ता है। रेशम से शादी करनी थी तो बता देता, कोई हल निकालते। पर अब तो कुछ नहीं हो सकता। अभिषेक के भाई संजय, प्रदीप व विपिन ने कहा कि वे भाई को फंदे पर लटकते देखना तो नहीं चाहते, लेकिन अगर उसने गलती की है तो सजा मिलेगी ही।

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