बहिष्कार के शोर के बीच भी बिक रहे चीनी पिचकारी और मुखौटे

चौक-चौराहों से लेकर बाजारों तक में लोग होली के सामान खरीदने में व्यस्त दिखाई दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 10:00 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 10:00 PM (IST)
बहिष्कार के शोर के बीच भी बिक रहे चीनी पिचकारी और मुखौटे
बहिष्कार के शोर के बीच भी बिक रहे चीनी पिचकारी और मुखौटे

जेएनएन मुंगेर : होली का त्योहार निकट आते ही फिजां में होली खेले रघुवीरा अवध में.., होली में दिल मिल जाते हैं, दुश्मन भी गले मिल जाते हैं .. जैसे गीत सुनाई देने लगे हैं। चौक-चौराहों से लेकर बाजारों तक में लोग होली के सामान खरीदने में व्यस्त दिखाई दे रहे हैं। अभिभावक बच्चों के लिए नए रूप-रंग व डिजाइन वाली पिचकारी खरीदने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, ताकि बच्चे एक नजर में उसे पसंद कर लें। उन्हें उसे इन्कार करने या मचलने का मौका ही नहीं मिले। होली को लेकर रंग गुलाल और पिचकारी की दुकानें भी सज गई हैं। वहां देसी पिचकारी के बीच आकर्षक रंग-बिरंगी चीन निर्मित पिचकारियां भी सजी हुई हैं। होली जैसे पारंपरिक त्योहार पर भी चीन निर्मित पिचकारियों व अन्य उत्पाद ने बाजार पर जैसे अपना दबदबा कायम कर रखा है। यूएन में चीन द्वारा पुलवामा हमले के जिम्मेदार पाक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो कर रोक देने पर भारत भर में लोगों में उपजे गुस्से व चीनी सामानों के बहिष्कार का फैसला लिए जाने के बावजूद चीन निर्मित पिचकारियां, मुखौटों व रंग गुलाल बाजार में पहले की ही तरह छाए हुए हैं। इस समय इसका आंशिक असर ही बाजार में देखने को मिल रहा है। दुकानदार श्याम साह ने कहा कि उन्होंने पहले ही चाइनीज मुखौटे और पिचकारियां मंगा ली थी। लेकिन, ग्राहक इससे कन्नी काट रहे हैं। हालांकि कुछ अभिभावक बच्चों की जिद पर मुखौटे और पिचकारियां खरीद रहे हैं। लेकिन, उनकी बिक्री अपेक्षाकृत कम है। स्वदेशी जागरण मंच से जुड़े प्रदीप कुमार ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वे चाइना निर्मित उत्पादों का बहिष्कार करें। क्योंकि, भारत ही चाइना निर्मित उत्पाद का सबसे बड़ा बाजार है। आर्थिक हित जुड़े होने के बाद भी चाइना हमेशा भारत के प्रतिकूल कार्य करता है। ऐसे में उसके साथ भी असहयोग करना हमारा निश्चय होना चाहिए।

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एक नजर बाजार में उपलब्ध पिचकारियों पर

पंप बड़ी पिचकारी- 60 रुपये, पंप छोटी पिचकारी - 10 से 40 रुपये तक, बोतल पिचकारी - 10 रुपये, गन पिचकारी बड़ी - 70 रुपये, गन पिचकारी छोटी - 30 रुपये

कागज की टोपी- 10, मुखैटा - 10 से 90 रुपये तक हरे, लाल व सिलवर कलर की रंगों की शीशी -10, अबीर पैकेट- 10 रुपये से 30 रुपये तक में बाजार में उपलब्ध हैं।

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