सामान्य प्रशासन से बीडीओ की जानकारी लेगी सीबीआइ

सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ अब अपने निशाने पर बीडीओ को रखेगी। करीब आधा दर्जन प्रखंडों में पूर्व में पदस्थापित रहे बीडीओ को पूछताछ के दायरे में सीबीआइ लाएगी।

By Edited By: Publish:Mon, 12 Feb 2018 09:44 AM (IST) Updated:Tue, 13 Feb 2018 05:31 PM (IST)
सामान्य प्रशासन से बीडीओ की जानकारी लेगी सीबीआइ
सामान्य प्रशासन से बीडीओ की जानकारी लेगी सीबीआइ
भागलपुर। सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ अब अपने निशाने पर बीडीओ को रखेगी। करीब आधा दर्जन प्रखंडों में पूर्व में पदस्थापित रहे बीडीओ को पूछताछ के दायरे में सीबीआइ लाएगी। प्रखंडों की जांच अगले सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है। सीबीआइ पहले प्रखंडों में पदस्थापित रहे बीडीओ की सूची लेगी, फिर वर्तमान पदस्थापन स्थान की जानकारी हासिल करेगी। इसके लिए सामान्य प्रशासन से भी सीबीआइ मदद लेगी। अभी सीबीआइ के अधिकांश अधिकारी दिल्ली में सृजन के दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। आवश्यकतानुसार अपेक्षित लोगों को दिल्ली बुलाया जा रहा है। मालूम हो कि दस वर्ष पूर्व यहां पदस्थापित बीडीओ अब प्रोन्नति पाकर एडीएम रैंक में पहुंच गए हैं। दर्ज प्राथमिकी के आधार पर सीबीआइ को अंदेशा है कि आधा दर्जंन से अधिक बीडीओ का सृजन संस्था से सीधा लगाव था। कई बीडीओ का सृजन संस्था में आना जाना था। सृजन की संचालिका से कई बीडीओ उपकृत भी हुए हैं। पूर्व एडीएम राजीव रंजन सिंह सबौर में पदस्थापन के समय से ही सृजन संस्था के करीब थे। प्रखंडों में पदस्थापन समाप्त होने के बाद वे दो बार भागलपुर में अलग-अलग पदों पर काबिज भी रहे हैं। करीब सात प्रखंडों ने अवैध निकासी की प्राथमिकी दर्ज भी कराई है। नवगछिया, सदर व कहलगांव अनुमंडल में पदस्थापित कई बीडीओ का सृजन की संचालिका रहीं मनोरमा देवी से गहरा संबंध था। घोटाला उजागर होने के बाद प्रखंड की ओर से प्रारंभ में किसी का ध्यान नहीं गया था। डीएम ने ही प्रखंडों के खाते व कैशबुक की जांच कराने का निर्देश दिया था, तब अवैध निकासी उजागर हुई। हालांकि पंचायतों के बैंक खाते से भी अवैध निकासी की संभावना थी, लेकिन अब तक जितने पंचायतों की रिपोर्ट आई है उसमें किसी भी पंचायतों का सृजन में खाता नहीं मिला है। वर्ष दो हजार के दशक में पंचायतों के खाते में राशि कम भेजी जाती थी। इस वजह से इस ओर सृजन से जुड़े लोगों की नजर नहीं गई।
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