बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ ने सरकार पर लगाए कई बड़े आरोप, पूछा - वेतन में 15 % की वृद्धि‍ पर रूख करें स्‍पष्‍ट

बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की बैठक मधेपुरा में हुई। पदाधिकारियों ने राज्‍य सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए हैं। वेतन वृद्ध‍ि पर अपना रूख स्‍पष्‍ट करने को कहा है। पढ़ा़ई के अलावा शिक्षकों से लिए जाने वाले कार्यों पर रोक लगाने को कहा है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 20 Dec 2021 05:20 PM (IST) Updated:Mon, 20 Dec 2021 05:20 PM (IST)
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ ने सरकार पर लगाए कई बड़े आरोप, पूछा - वेतन में 15 % की वृद्धि‍ पर रूख करें स्‍पष्‍ट
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने मधेपुरा में की बैठक।

संवाद सूत्र, मधेपुरा। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की बैठक वेदव्यास महाविद्यालय में जिलाध्यक्ष संजय कुमार के अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक का संचालन जिला सचिव भुवन कुमार ने किया। बैठक में मुख्य रूप से संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के अपेक्षित रवैया से राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर दिनोंदिन ग्रहण लगता जा रहा है। शिक्षकों के सामने विभिन्न समस्या उत्पन्न कर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा को प्रभावित किया जा रहा है।

मध्याह्न भोजन संचालन की नई प्रक्रिया विद्यालय प्रभारी के लिए जटिल व सरदर्द बन गया है। प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक शिक्षक व पुस्तकालय अध्यक्ष को अप्रैल 2021 से वेतन में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी सिर्फ कागजी प्रक्रिया में सिमट कर रख दिया है। अप्रशिक्षित शिक्षकों से काम लेने के बावजूद सालभर से वेतन नहीं देना दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति है। ऐसी परिस्थितियों में शिक्षकों के समक्ष संघर्ष के बदले कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि खासकर नियोजित शिक्षक आज तक जो भी प्राप्त किया वह सिर्फ संघ के संघर्ष का देन है। इसके लिए 24 दिसंबर 2005 के ऐतिहासिक शिक्षक आंदोलन की 16 वीं वर्षगांठ पर राज्य के सभी जिला मुख्यालय में संकल्प सभा आयोजित कर संघर्ष दिवस मनाया जाएगा।

संघीय पदाधिकारी इसकी तैयारी जोर-शोर से करें। जिला अध्यक्ष संजय कुमार व जिला सचिव भुवन कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि जिला स्तर पर भी शिक्षकों की समस्या दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। जो विभागीय पदाधिकारी के लापरवाही का द्योतक है। नवप्रशिक्षित शिक्षक का प्रशिक्षित वेतन का बकाया है। कई पत्र निकला लेकिन आज तक भुगतान नहीं हुआ। सेवा पुस्तिका शुद्धि करन व निर्घारण, डीए बढ़ोतरी चौसा, आलमनगर, उदाकिशुनगंज, कुमारखंड व अन्य प्रखंडों का लंबित होना, मृत शिक्षक के स्व्जनों को अनुग्रह राशि व ईपीएफ की राशि भुगतान करना व अनुकंपा पर बहाली से वंचित है। प्रशिक्षण का परीक्षाफल प्रकाशित होने के वावजूद वेतन नहीं दिया जाना विभाग के मानमानी प्रतीक होता है। शिक्षकों के ईपीएफ खाते मे कई माह से राशि जमा नहीं होना विभाग के विफलता का द्योतक है। नेताओं ने शिक्षकों से अपील किया कि 24 दिसंबर के संघर्ष दिवस में भाग लेकर समस्याओं से निजात के लिए एकजुट हो।

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