भागलपुर-साहिबगंज रेल सेक्शन : 10 दिनों की बारिश में धराशायी हो गया नवनिर्मित प्लेटफॉर्म, उठे कई सवाल
Bhagalpur Sahibganj Rail Section वर्ष 2019 में लैलख स्टेशन पर स्टेशन भवन दो नए प्लेटफॉर्म फुट ओवर ब्रिज का निर्माण हुआ था। इसके निर्माण में करीब चार करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
भागलपुर, जेएनएन। Bhagalpur Sahibganj Rail Section : भागलपुर-साहिबगंज रेल सेक्शन स्थित लैलख स्टेशन का नव निर्मित तीन नंबर प्लेटफॉर्म एक बरसात भी नहीं झेल सका। दस दिनों की बारिश में धराशायी हो गया। बारिश के दवाब बे कारण प्लेटफॉर्म में बीच से दरार आ गया। प्लेटफॉर्म की मिट्टी ढहकर गिर रहा है। ऐसे में निर्माण की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल है। कहीं निर्माण में मानकों की अनदेखी तो नहीं की गई? जिस मानक पर प्लेटफॉर्म बनना था उसका पालन हुआ या नहीं? कई ऐसे सवाल हैं जो निर्माण कार्य को कटघरे में खड़ा कर रहा है। दरअसल, वर्ष 2019 में लैलख स्टेशन पर स्टेशन भवन, दो नए प्लेटफॉर्म, फुट ओवर ब्रिज का निर्माण हुआ था। इसके निर्माण में करीब चार करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। भवन और दो नए प्लेटफॉर्म बनने से स्टेशन का रंगत बदल गया था। स्टेशन को बेहतर लुक दिया गया था। लेकिन, सभी सुंदरता पर दस दिनों की बारिश ने पानी फेर दिया। तीन नंबर प्लेटफॉर्म टूट गया।
कहां और किस स्तर से हुई गड़बड़ी
प्लेटफॉर्म के निर्माण में कहां और किस स्तर से गड़बड़ी हुई। रेलवे अपने स्तर से पूरी जानकारियां ले रही है। साल भर के अंदर नए प्लेटफॉर्म का टूट जाना बड़ी बात है। राज्य सरकार के कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखने का मामला तो सुनने को मिलता है। लेकिन, रेलवे के कार्यों में इस तरह के मामले कम ही आते हैं। एडीआरएम एसके भगत ने प्लेटफॉर्म धंसने को लेकर खुद लैलख पहुंचे और संबंधित से जांच की। प्लेटफॉर्म के बांयी तरफ बोल्डर डालने को कहा है।
बाढ़ प्रभावित है स्टेशन
लैलख स्टेशन बाढ़ प्रभावित स्टेशनों की सूची में आता है। गंगा में जलस्तर में बढऩे के कारण सबौर, लैलख और एकचारी स्टेशन का रेलवे ट्रैक पर बाढ़ का खतरा बना रहता है। पिछले साल भी लैलख स्टेशन के पास डाउन लाइन ट्रैक के नीचे मिट्टी धंसान हुई थी। रेलवे का कहना है कि यहां की मिट्टी काफी चिकनी होती है, इस कारण मिट़्टी धंसने की संभावना बाढ़ के समय ज्यादा रहती है। हालांकि अभी बाढ़ को देखते हुए रेलवे की ओर से पेट्रोलिंग टीम और मोबाइल टीम को तैनात कर दिया गया है।