Bhagalpur Crime: एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले में चार दोषियों को उम्रकैद, एक-एक लाख का जुर्माना भी लगा
Bhagalpur Crime सबौर थानाक्षेत्र के राजपुर गांव में एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या मामले में मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-14 विवेक कुमार ने चार अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा सुनाए गए अभियुक्तों में मु. सनफराज मु. शमशाद मु. चनसो और मु. बिन्हा शामिल हैं। इन्हें एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी देना होगा।
HighLights
- साक्ष्य के अभाव में मु. अमजद रिहा
- सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक मु. अकबर ने बहस में भाग लिया
जागरण संवाददाता, भागलपुर। सबौर थानाक्षेत्र के राजपुर गांव में एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या मामले में मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-14 विवेक कुमार ने चार अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
सजा सुनाए गए अभियुक्तों में मु. सनफराज, मु. शमशाद, मु. चनसो और मु. बिन्हा शामिल हैं। इन्हें एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी देना होगा। न्यायाधीश ने आरोपित मु. अमजद को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक मु. अकबर ने बहस में भाग लिया।
मवेशी काटने वाले छुरे से दिया गया था वारदात को अंजाम
राजपुर गांव में रेलवे की जमीन को लेकर हुए विवाद में सनफराज, शमशाद, चनसो, बिन्हा आदि ने एक ही परिवार के मु. इश्तेयाक, कलीम, जब्बार और बेबी को मवेशी काटने वाले छुरे से गोद-गोदकर मार डाला था।
अभियुक्त मवेशी के मांस का कारोबार करता था। दो घायलों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। दो अन्य की मौत जवाहर लाल नेहरू अस्पताल और पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में हुई थी। हत्या के बाबत मु. शहबाज के फर्द बयान पर सबौर थाने में केस दर्ज कराया गया था।
नरसंहार के विरोध में लोगों ने किया था प्रदर्शन
राजपुर में नरसंहार को लेकर तब काफी संख्या में लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया था। हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी, मृतकों के आश्रितों को मुआवजा, नौकरी और जमीन देने की मांग की थी। प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी, डीआइजी और एसएसपी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपते हुए हत्यारों को गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल करा उन्हें सजा दिलाने की मांग की थी।
निर्णय जानने काफी संख्या में आए थे लोग
राजपुर नरसंहार में न्यायालय का निर्णय जानने के लिए दोनों पक्षों से काफी संख्या में लोग सबौर राजपुर से कचहरी परिसर आए हुए थे। न्यायालय हाजत से जैसे ही अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा घेरे में न्यायालय ले जाया जाने लगा, अभियुक्तों के रिश्तेदार और जानने वाले भी उनके पीछे-पीछे चलने लगे। जिन्हें सुरक्षा में लगे पुलिस के जवानों ने दूर हटा दिया।
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