बिहार में दलहन की खेती का बढ़ेगा रकबा, बीज पर सरकार दे रही 90 फीसद अनुदान, इस तरह करें आवेदन

बिहार में दलहन की खेती का रकबा बढ़ेगा। बीज पर सरकार 90 फीसद तक अनुदान दे रही है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। साथ ही धान की खेती पर भी सरकार अनुदान दे रही है। इसके लिए किसानों को...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 25 May 2022 11:40 AM (IST) Updated:Wed, 25 May 2022 11:40 AM (IST)
बिहार में दलहन की खेती का बढ़ेगा रकबा, बीज पर सरकार दे रही 90 फीसद अनुदान, इस तरह करें आवेदन
बिहार में दलहन की खेती का रकबा बढ़ेगा।

संस, सहरसा। कृषि विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद कोसी क्षेत्र दलहल उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं हो सका। इसके लिए विभाग ने समेकित कृषि प्रणाली बनाने के साथ- साथ हर गांव में अरहर का उत्पादन कराने की योजना तैयार किया है। इसके तहद प्रथम चरण में जिले के हर राजस्व गांव में एक- एक किसानों को 90 फीसद अनुदान पर अरहर और पांच- पांच किसानों को धान का बीज उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही 50 फीसद अनुदानित मूल्य पर इच्छा रखनेवाले सभी किसानों को अरहर और धान का बीज उपलब्ध कराया जाएगा।

धान के साथ अनुदानित दर होगा अरहर बीज का भी वितरण

कृषि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत जिले के सभी 497 राजस्व ग्राम में एक- एक किसानों को 90 फीसद अनुदान पर दो- दो किलोग्राम अरहर बीज और पांच- पांच किसानों को 12- 12 किलोग्राम धान बीज दिया जाएगा। इसके अलावा विभाग द्वारा अनुदानित दर पर बीज वितरण योजना के तहत अरहर और धान की खेती की इच्छा रखनेवाले सभी किसानों को 50 फीसद अनुदान पर अरहर और धान का बीज उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि अधिकाधिक किसान अरहर की खेती कर सके। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। और इलाके का भी आर्थिक उन्नयन होगा।

हर खेत तक पानी पहुंचाने की हुई व्यवस्था

समेकित कृषि प्रणाली के तहत कृषि विभाग द्वारा हर खेत में पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई। इसके लिए जगह- जगह खेतपोखरी भी बनाया गया और नहरों के माध्यम से भी पानी पहुंचाई जाएगी। हर खेत तक नालियों का भी निर्माण किया जा रहा है। इससे अरहर की खेत को सालोभर पानी मिल सकेगा। विभाग द्वारा दलहन और सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के लिए जगह- जगह खेतपोखरी बनाने पर भी बल दिया जा रहा है।

इस इलाके में अरहर उत्पादन की संभावना है। इसके लिए किसानों को अनुदान आधारित बीज उपलब्ध कराकर उत्साहित किया जा रहा है। इससे यह क्षेत्र दलहन को लेकर आत्मनिर्भर होगा और किसानों की भी आमदनी बढ़ेगी। -ज्ञानचंद्र शर्मा, जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा-

chat bot
आपका साथी