ये मेरा शौहर है, नहीं ये तो मेरा है, बड़ी रोचक है कटिहार की ये घटना, क्‍या है एक तस्वीर का सच!

Amazing Wedding पूर्णिया पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में 28 मामलों की सुनवाई हुई इसमें आठ का निष्पादन किया गया। इसी दौरान कटिहार का एक मामला सामने आया है। एक शौहर के सामने दो-दो बीबियां अचानक आ गई। शादी की एक तस्वीर ने मामला को पेचिदा बना दिया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Fri, 20 May 2022 09:38 PM (IST) Updated:Tue, 24 May 2022 03:33 PM (IST)
ये मेरा शौहर है, नहीं ये तो मेरा है, बड़ी रोचक है कटिहार की ये घटना, क्‍या है एक तस्वीर का सच!
पुलिस परामर्श केंद्र पूर्णिया में दो महिलाओं ने एक ही पति पर किया दावा।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। पुलिस परामर्श केंद्र में शुक्रवार को एक अजीब मामला पहुंचा। दो-दो बीबियां एक साथ शौहर पर अपना दावा करने लगी। शादी की एक तस्वीर ने इस मामले को और उलझा दिया। इधर शौहर एक बीबी को अपना बताते रहे, दूसरी से दूर-दूर तक नाता नहीं होने का दावा करते रहे। मामला इतना उलझा कि आखिरकार केंद्र ने थाना अथवा न्यायालय में यह मामला सुलझाने का निर्देश देते हुए अपना पीछा छुड़ाया।

दरअसल कटिहार जिले के फलका थाना क्षेत्र की एक महिला अपने सात साल के बच्चे के साथ केंद्र में हाजिर हुई। उसने फलका थाना क्षेत्र के ही एक युवक को अपना पति बताया। उसने केंद्र को बताया कि उसकी शादी सात साल पहले हो चुकी है। उसे अपने पति से एक संतान भी है। इसी दौरान सरसी थाना क्षेत्र की एक महिला भी वहां पहुंच गई। उसने युवक के बारे में बताया कि यह उनका शौहर है। उनकी इस युवक से विधिवत शादी हुई है और वे उनके साथ रह भी रही है। फलका की महिला ने एक पुरानी तस्वीर भी केंद्र के सदस्यों को दिखाया। उस तस्वीर को उसने अपनी शादी का साक्ष्य बताया। इधर युवक का कहना था कि फलका वाली महिला को वे बचपन से जानते हैं। वह उनके दोस्त बहन है लेकिन उसने उसके साथ शादी नहीं की है। जो तस्वीर दिखाई जा रही है, वह शायद कभी नशापान कराकर ले ली गई है। उसने सरसी थाना की महिला से शादी की है। दोनों के दावों को देखते हुए मामला थाना अथवा न्यायालय में सुलझाने की सलाह दी गई। इस दौरान केंद्र के बाहर भी लोगों की भीड़ लगी रही।

बता दें कि शुक्रवार को परिवार परामर्श केंद्र में कुल 28 मामलों की सुनवाई की गई। इसमें आठ मामलों में पति-पत्नी को समझाकर विवाद का निष्पादन कर दिया गया। पांच मामलों में दोनों पक्षों के अड़े रहने पर थाना अथवा न्यायालय जाने की सलाह दी गई। मामले को सुलझाने में केंद्र के सदस्य दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्यंत्री, बबीता चौधरी, रविंद्र शाह, जीनत रहमान, प्रमोद जायसवाल, एएसआई शकीला खातून तथा कार्यालय सहायक नारायण गुप्ता ने अहम भूमिका निभाई।

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